
ऐप पर पढ़ें
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूर्य मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में है। सूरज का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को ‘आदित्य-एल1’ का प्रक्षेपण किया जा सकता है। इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु) पर सौर हवा की स्थिति की स्डटी के लिए बनाया गया है। मालूम हो कि एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।
यह सूर्य के अवलोकन के लिए पहला समर्पित भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा, जिससे अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की ओर से प्रक्षेपित किया जाएगा। आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष यान 7 पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का निरीक्षण करने में मदद करेंगे।
प्रज्ञान और विक्रम की चांद पर चहलकदमी
गौरतलब है कि इसरो ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। साथ ही चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बना है। इस बीच, ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ के लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकलने और इसके चंद्रमा की सतह पर चलने का शानदार वीडियो शुक्रवार को जारी किया। यह वीडियो लैंडर के इमेजर कैमरे ने बनाया है।
इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह वीडियो साझा करते हुए संदेश लिखा, ‘…और चंद्रयान-3 का रोवर, लैंडर से निकलकर इस तरह चंद्रमा की सतह पर चला।’ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) से ली गई उसकी तस्वीर भी जारी की। मालूम हो कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर को 2019 में प्रक्षेपित किया गया था। यह अब भी चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)