Tuesday, February 4, 2025
Google search engine
HomeNationalचांद पर चंद्रयान-3 के लैंड करते ही हुआ था बड़ा कमाल, कैसा...

चांद पर चंद्रयान-3 के लैंड करते ही हुआ था बड़ा कमाल, कैसा था लैंडिंग साइट का हाल? इसरो ने बताया


नई दिल्ली: मिशन मून के तहत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रचने वाले इसरो ने चंद्रयान-3 को लेकर नया अपडेट दिया है. इसरो ने बताया है कि जब चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग हुई तो उस वक्त चांद पर क्या हुआ था और वहां का कैसा नजारा दिखा था. इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को खुलासा किया कि चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करते ही चांद की सतह पर एक इजेक्ट हेलो बना दिया. इसरो के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि विक्रम लैंडर के चांद पर लैंड करते ही करीब 2.06 टन लूनर मिट्टी चांद पर करीब 108.4 m² एरिया में फैल गई.

दरअसल, चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग की थी. लैंडर मॉड्यूल, जिसका नाम विक्रम और रोवर प्रज्ञान है, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में शिव शक्ति बिंदु पर उतरे थे और वहां 14 दिनों तक चांद के रहस्यों का पता लगाते रहे और डेटा भेजकर फिर स्लीप मोड में चले गए. इसरो की ओर से चंद्रयान-3 मिशन को पूरी तरह सफल बताया गया है. इसरो चीफ सोमनाथ का कहना है कि चंद्रयान-3 से जितनी अपेक्षा थी, उससे अधिक काम किया और इसने अपने मकसद में कामयाबी हासिल की.

इसरो ने बताया लैंडिंग साइट का हाल
इसरो ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘जैसे ही चंद्रयान-3 की लैंडिंग चंद्रमा पर हुई, चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्र सामग्री का एक शानदार ‘इजेक्टा हेलो’ उत्पन्न किया. इस घटना को इसरो के एक विंग नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के वैज्ञानिकों द्वारा कैप्चर किया गया और उसका विश्लेषण किया गया. उनके निष्कर्षों के अनुसार, विक्रम लैंडर के लैंड करते हुए करीब 2.06 टन चंद्र एपिरेगोलिथ यानी लूनर मिट्टी लैंडिंग स्थल के आसपास 108.4 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैल गई और विस्थापित हो गई.’

प्रज्ञान अभी स्लीप मोड में है
बता दें कि इससे पहले इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था में है, लेकिन इसके फिर से सक्रिय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस बात से भली-भांति अवगत है कि रोवर और लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था में चले गये हैं.

चंद्रयान-3 का उद्देश्य पूरा: इसरो
उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन का उद्देश्य ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ था और इसके बाद अगले 14 दिन तक प्रयोग किए गए और सभी जरूरी आंकड़े एकत्र कर लिये गये हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से सक्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा था कि उम्मीद रखने का कारण हैं. सोमनाथ ने अपनी ‘उम्मीद’ के कारण बताते हुए कहा कि इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे. उन्होंने बताया कि चूँकि लैंडर एक विशाल संरचना है, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका. इसरो प्रमुख ने स्पष्ट किया कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि इसरो मिशन के माध्यम से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है.

Tags: Chandrayaan-3, ISRO





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments