Saturday, September 14, 2024
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चांद से आने लगा डेटा, जानें चंद्रयान-3 पर इसरो ने क्या दिया बड़ा अपडेट


श्रीहरिकोटा. चंद्रयान-3 की दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग और 14 दिनों तक सतह का डेटा भेजने वाले विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. चंद्ररात में स्लीप मोड में डाले गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को इसरो दोबारा एक्टिव करने की कोशिश में है. इस बीच ताजा अपडेट में बताया कि भले ही अभी विक्रम और प्रज्ञान से हम संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन इसके ऑर्बिटर में लगाया गया पेलोड जिसे स्पेक्ट्रो पोलारिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लेनेट (SHAPE) कहा जाता है वह अच्छी तरह काम कर रहा है. इसरो के मुताबिक यह अभी एक साल तक जानकारी भेजता रहेगा.

भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने बताया था कि 22 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सवेरा होने लगा है.  उम्मीद थी कि सवेरा होने के बाद लैंडर और रोवर सिग्नल भेजना शुरू कर देंगे, लेकिन सिग्नल नहीं आया, इससे लैंडर और रोवर से संपर्क टूट गया. अभी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रात होने में एक सप्ताह का समय शेष है. इसरो को उम्मीद है कि इन परिस्थितियों के बाद भी कुछ सकारात्मक सूचना मिलेगी.

पेलोड भेज रहा चंद्रमा से सिग्नल
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ISRO की ओर से कहा गया कि चांद पर भेजे गए प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी भले ही सिग्नल नहीं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें वहां ले जाने वाला ऑर्बिटर अब भी चांद के चारों तरफ चक्कर लगाता रहेगा. इसरो का कहना है कि यह पेलोड आने वाले कई दिनों तक पृथ्वी और चांद के अलावा भी कई जानकारियां साझा करता रहेगा.

इसरो ने मिल रहे डेटा को बताया बेहद महत्वपूर्ण
ऑर्बिटर में लगाए गए पेलोड से मिल रहे डेटा को इसरो ने महत्वपूर्ण बताया है. यह चंद्रमा का अध्ययन करने के अलावा, चंद्रयान-3 एक्सोप्लेनेट, हमारे सौर मंडल से परे तारों की परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों पर जीवन की संभावना के अध्ययन में भी सहायता कर रहा है.

इसरो अध्ययन में जुटा
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रयान-3 प्रोपल्शन मॉड्यूल पर वैज्ञानिक उपकरण, जिसे SHAPE (हैबिटेबल प्लेनेट अर्थ की स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ) के रूप में जाना जाता है, प्रभावशाली 52 दिनों से चंद्रमा की सफलतापूर्वक परिक्रमा कर रहा है. इस दौरान, इसने पर्याप्त डेटा एकत्र किया है और अपना संचालन जारी रखने के लिए तैयार है.

ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि जब पृथ्वी से दृश्यता अच्छी होती है तभी SHAPE को ऑपरेट किया जा सकता है. अभी वह जो भी डेटा भेज रहा है वह अध्ययन के लिहाज से काफी अहम है. और सबसे अच्छी बात यह है कि जो डेटा हमें मिल पा रहा है उसमें अलग-अलग समय में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि हम डेटा का अध्ययन कर रहे हैं.

Tags: ISRO, Nasa, Space news



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