चार धाम यात्रा- 2023 शुरू होने में महज 11 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन धामों की हालत अभी तक सुधरी नहीं है। ऐसे में यूपी, दिल्ली-NCR सहित पड़ोसी राज्यों से आने वाली तीर्थ यात्रियों को परेशानी हो सकती है। केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री सहित चारों धामें में यात्रा की तैयारियों में प्रशासन जुटा पड़ा है।
लेकिन, दर्शन को तीर्थ यात्रियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तराखंड में अप्रैल के पहले हफ्ते में बारिश-बर्फबारी के बाद यात्रा की तैयारियों को झटका लगा था। मौसम खुलने के साथ ही एक बार फिर चार धाम तैयारियों ने जोर पकड़ा है। उम्मीद जताई जा रही है कि चार धाम यात्रा के शुरू होने से पहले भी तैयारियां पूरी हो जाएंगी।
यमुनोत्री धाम में यमुना स्नान करना बड़ी चुनौती होगा। भारी बर्फबारी व बारिश के कारण यहां घाटों को जाने वाली रास्ते व सीढ़ी क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन अब तक पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है। यही नहीं, घाटों पर मलबे के ढेर लगे होने के कारण यमुना की जलधारा भी मंदिर के बगल से ही गुजर रही है।
ऐसे में यात्रियों के स्नान व जल भरने के दौरान अनहोनी होने की आशंका है। आगामी 22 अप्रैल से गंगोत्री, यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। लेकिन, यात्रा व्यवस्थाएं अभी तक पटरी पर नहीं उतार पाई है। यहां यात्रा के प्रथम पड़ाव यमुनोत्री धाम की बात करें तो यात्राकाल में रोजाना हजारों श्रद्धालु यमुना में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही मां यमुना का जल भरते हैं।
लेकिन सुरक्षित स्नान घाट न होने के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां तक की जल भरने के लिए संगल तक नहीं लगी है। बीते वर्ष 2018-19 में क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण यमुना नदी में उफान आ गया था। जिससे यमुनोत्री में बने घाटों को भारी नुकसान पहुंचा और घाट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए।
घाटों के निर्माण के लिए गत वर्ष की यात्रा काल में कुछ हद तक घाटों की मरम्मत करवाई। लेकिन वह भी बारिश व बर्फबारी के आगे नहीं टिक पाए और घाटों पर बड़ी मात्रा में पत्थर और मलबा आ गया। जहां तक पहुंचने व स्नान के लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम अभी तक नहीं किए हैं।
स्वीकृत कार्य भी नहीं हुए शुरू : यमुनोत्री धाम के कायाकल्प के लिए प्रसाद योजना के तहत 35 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। लेकिन अभी तक यमुनोत्री धाम के घाट, कुंड आदि का काम शुरू नहीं हुआ।
जानकी चट्टी तक सिमटा सफाई अभियान
मां यमुना को स्वच्छ रखने के लिए जब भी स्वच्छता अभियान चलाया गया। वह सिर्फ जानकी चट्टी तक ही सीमित रहा। गत सप्ताह स्वयं डीएम अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में भी सफाई अभियान चलाया गया तो वह भी जानकी चट्टी व उससे आगे दो किमी. तक ही सिमट गया। जबकि यमुनोत्री परिसर व भंगेली गाड़ से यमुनोत्री धाम तक जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं।
यमुना के उद्गम में ही लगे हैं कचरे के ढेर
भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना का स्मरण गंगा के साथ ही किया जाता है। यमुनोत्री जाए बिना तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। लेकिन यहां मां यमुना अपने उद्गम से ही कचरा ढोने को मजबूर हैं। यमुनोत्री धाम मंदिर परिसर के समीप ही कचरे को डंप किया गया है।
धाम परिक्षेत्र के आसपास ही कचरे के ढेर लगे हैं। यमुनोत्री से लेकर भंगेली गाड़ तक पैदल रास्ते के बाहरी तरफ लाखों टन प्लास्टिक की बोतलें बिखरी पड़ी है। जिनका अभी तक निस्तारण नही किया गया है। जो श्रद्धाल़ुओं की आस्था व विश्वास को कम करने के लिए काफी है।
यमुनोत्री धाम में आज भी मूलभूत सुविधायें जस की तस है। मास्टर प्लान के तहत यमुनोत्री धाम में प्रसाद योजना के तहत घाट, कुंड व मंदिर सौंदर्यीकरण, चेंजिंग रूम सहित अन्य कार्य होने थे। अभी तक केवल लाइट का कार्य ही हो पाया है।
सुरेश उनियाल, सचिव यमुनोत्री मंदिर समिति
यमुनोत्री धाम में मूलभूत समस्याएं आज भी बनी है। देश भर से आने वाले श्रद्धालु सुरक्षित ढंग से यमुना का जल तक नहीं भर सकते हैं। मास्टर प्लान के तहत जो कार्य किए जाने थे, उनका कुछ पता नहीं है।
राज स्वरूप उनियाल, उपाध्यक्ष मंदिर समिति
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग बर्फ काटकर खोला, आवाजाही शुरू
केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में केदारनाथ धाम के आसपास खराब मौसम की वजह से प्रशासन की टेंशन भी बढ़ गईं थीं। लेकिन, दूसरे हफ्ते में मौसम के साफ होते ही प्रशासन की टीमों ने तेजी दिखाई। केदारनाथ पैदल रूट पर बर्फकाट कर रास्ता तैयार कर लिया है।
पैदल रूट पर आवाजाही शुरू हो गई है। पैदल रास्त बनाने के लिए प्रशासन की टीमों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। पैदल रूट पर जमी बर्फ को काट-काटकर आवाजाही के लिए तैयार किया है। आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के दर्शन को हेली सेवा बुकिंग भी शुरू हो चुकी है।
बदरीनाथ हाईवे तीन दिन बाद खुला
ऑल वेदर रोड की वजह से बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया था। निर्माण के दौरान पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने की वजह से हाईवे बाधित हो गया था। बीआरओ, और प्रशासन की टीमों ने बदरीनाथ हाईवे से मलबा हटाने के साथ-साथ टूटी सड़कों का दोबारा पुनर्निर्माण किया, ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशान न हो।
चार धाम यात्रा रूट पर बदरीनाथ हाईवे पिछले तीन दिनों से हनुमान चट्टी के पास बाधित था लेकिन, सड़क को ठीक करने के बाद हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही दोबारा शुरू हो गई है। यहां अभी भी हाईवे किनारे बोल्डर अटके हुए हैं। जिन्हें हटाने के लिए जेसीबी मशीन लगाई गई है। प्रशासन का दावा है कि बदरीनाथ चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले हाईवे को पूरी तरह से ठीक कर दिया जाएगा।