
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन-2023 करा चुके तीर्थ यात्रियों को सफर के दौरान टेंशन हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, सहित देश-विदेश से चार धाम पर जा रहे तीर्थ यात्रियों के लिए यह खबर बहुत ही जरूरी है। चारधाम यात्रा शुरू होने के लिए महज दस दिन का समय शेष रह गया है। केदारनाथ, बदरीनाथ-यमुनोत्री हाईवे तीर्थ यात्रियों को टेंशन दे सकता है।
इसके बाबजूद चारधाम यात्रा व्यवस्थाएं अभी तक पटरी पर नहीं उतर पाई है। सफर दौरान इस यात्रा रूट पर तीर्थ यात्रियों को परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं, इस वजह से तीर्थ यात्रियों का सफर आरामदायक होने के बजाय मुश्किलों भरा हो सकता है। हालांकि, प्रशासन का दावा है चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा।
चार धाम यात्रा रूट पर यमुनोत्री धाम की बात करें तो पालीगाड़ से जानकीचट्टी तक 27 किलोमीटर के दायरे में यमुनोत्री हाईवे जहां बेहद संकरा है। उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी के बाद के मौसम साफ होने से प्रशासन ने राहत की सांस भी ली है। केदारनाथ पैदल रूट पर बर्फ को काटकर रास्ता बना दिया गया है। जबकि, ऋषिकेश-बदरीनाथ पर वाहनों का संचालन दोबारा शुरू हो गया है।
हाईवे पर हनुमान चट्टी के पास बोल्डर गिरने से ट्रैफिक बाधित हुआ था। चार यात्रा रूट पर यमुनोत्री धाम सड़क की स्थिति भी दयनीय है। जगह-जगह गड्डे होने के साथ ही सड़क के किनारे मिट्टी के ढेर लगे हैं। जिसे वक्त रहते ठीक नहीं किया गया तो तीर्थ यात्रियों को इस वर्ष भी जोखिम भरा सफर करना पड़ेगा।
केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी ऑलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य प्रगति पर है। यहां धरासू से पालीगाड तक ऑलवेदर परियोजना का कार्य अंतिम छोर पर है। लेकिन पालीगाड़ से जानकीचट्टी तक करीब 27 किलोमीटर के दायरे में मार्ग चौड़ीकरण का कार्य गत तीन साल से अभी तक शुरू नहीं किया गया है।
इतना ही नहीं चौड़ीकरण के लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। जबकि इस 27 किमी. के दायरे में मार्ग चौड़ीकरण हेतु कार्यदायी संस्था एनएच के द्वारा भूमि अधिग्रहण कर उसका मुआवजा भी प्रभावितों को बांट दिया गया है। इस संकरे और बदहाल पड़े हाईवे के चौड़ीकरण के लिए स्थानीय लोग लगातार मांग कर रहे हैं।
लेकिन हाई पावर कमेटी की रोक के चलते सड़क चौड़ीकरण का कार्य अधर में लटका है। आगामी चारधाम यात्रा को देखते नजर दौड़ाएं तो यात्रा के दौरान इस संकरे मार्ग पर स्थानीय वाहनों के साथ-साथ यात्रा पर आए वाहनों का भारी दबाव रहता है। जिस कारण यहां कई घंटों तक जाम लगा रहता है।
देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को घंटों तक जाम में फंसा रहना पड़ता है। पाली गाड़ से जानकीचट्टी के बीच सबसे बड़ी समस्या डबरकोट पहाड़ी से होने भूस्खलन भी है और साथ ही स्यानाचट्टी से हनुमानचट्टी तथा हनुमानचट्टी से जानकीचट्टी तक कई जगहों पर मार्ग संकरा,बदहाल है।
घोड़ा-खच्चर की रोटेशन व्यवस्था लागू: जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक के स्थित छह किमी लम्बे पैदल ट्रेक पर पुलिस और प्रशासन के द्वारा इस वर्ष घोड़ा-खच्चर के लिए रोटेशन व्यवस्था लागू की है।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर गिरे बोल्डर दो साल से नहीं हटे: सचिव
जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक के स्थित छह किमी लम्बे पैदल ट्रेक पर यमुनोत्री मंदिर के समीप बड़े-बड़े बोल्डर पहाड़ी से गिरे हैं। जिसे लोक निर्माण विभाग अभी तक नहीं हटा पाया है। जिससे तीर्थ यात्रियों एवं डंडी, कंडी व घोड़ा खच्चरों को आवागमन में परेशानी हो रही है। यमुनोत्री मंदिर समिति के सुरेश सेमवाल ने बताया कि मार्ग पर गत दो वर्ष से बोल्डर गिरें हैं। वहीं कई जगहों पर सुरक्षा रेंलिंग भी क्षतिग्रस्त है, लेकिन अभी तक लोनिवि उन्हें ठीक नही कर पाया है। जबकि यात्रा के लिए दस दिन ही शेष रहे गए हैं।
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग बर्फ काटकर खोला, आवाजाही शुरू
चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले केदारनाथ पैदल रूट पर भी आवाजाही शुरू हो गई है। प्रशासन की टीमों ने कड़ी मशक्कत से पैदल रूट बनाया है। पैदल रूट पर जमी बर्फ को काट-काटकर आवाजाही के लिए तैयार किया है। मालूम हो कि पिछले हफ्ते खराब मौसम की वजह से केदारनाथ धाम,और आसपासके इलाकों में बर्फबारी भी हुई थी।
मुनोत्री धाम में संचार सेवा बदहाल
धाम परिक्षेत्र में अभी तक संचार सेवा बहाल नहीं हो पाई है। यहां निजी कंपनी का टावर तो लगा है, लेकिन वह भी छह माह से बंद पड़ा है। यमुनोत्री धाम परिसर में इन दिनों रंग रोगन के साथ ही होटल, ढाबे व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान सहित घोड़े, खच्चर संचालित करने वाले लोग पहुंच रहे हैं। लेकिन नेटवर्क न होने के कारण उनको परेशानी हो रही है।
चारों धामों के खुलने की यह है तारीख
चार धाम यात्रा-2023 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चार धाम यात्रा के लिए सरकार की ओर से तैयारियों पूरी जोरों पर चल रहीं है। गंगोत्री, और यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को तीर्थ यात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खोले जाएंगे।