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Ajit Pawar: चुनाव आयोग ने कल एक बड़ा फैसला सुनाया, जिसमें कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का गुट ही असली एनसीपी है। इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि जूनियर पवार मुंबई में एनसीपी मुख्यालय पर भी दावा कर सकते हैं। आपको बता दें कि एनसीपी के यह कार्यालय सरकार द्वारा पार्टी को दिया गया था। यह पार्टी के कल्याण कोष से नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार गुट आधिकारिक तौर पर अपनी मांग रख सकता है ताकि पार्टी कार्यालय उन्हें कानूनी तरीके से दिया जा सके।
चुनाव आयोग के फैसले से अजित पवार और पार्टी संस्थापक और उनके चाचा शरद पवार के बीच गुटीय लड़ाई को लेकर कई महीनों से चल रही अटकलें खत्म हो गईं। चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अजीत पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली एनसीपी घोषित करने के चुनाव आयोग के फैसले को विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ के 50 विधायकों ने न्याय मांगने के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया था और वे सभी अपने पक्ष में फैसले के लिए आभारी हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी पार्टी का नाम, प्रतीक और झंडा अब हमें आवंटित कर दिया गया है। हम बेहद खुश हैं।” अजित पवार ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग के फैसले ने लोकतंत्र में बहुमत को दी गई प्राथमिकता को रेखांकित किया है और देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का हमेशा सम्मान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि उनके गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से भी अपील की है जो कि फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
अजित पवार ने अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले की उस टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग का फैसला महाराष्ट्र और मराठी लोगों के खिलाफ एक साजिश है। अजित पवार ने कहा, “हम सभी मराठी हैं इसलिए मराठी लोगों के साथ विश्वासघात का सवाल कहां है? हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते कि दूसरे हमारे बारे में क्या कह रहे हैं।”
जयंत पाटिल ने कहा कि शरद पवार खेमा सुप्रीम कोर्ट जाएगा। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य प्राधिकरण के पास जाने का अधिकार है। अगर फैसला उनके पक्ष में होता तो हम भी अदालत का दरवाजा खटखटाते।”