Wednesday, November 6, 2024
Google search engine
HomeLife Styleछठ पूजा इन 5 चीजों के बिना है अधूरी, कहीं निष्फल ना...

छठ पूजा इन 5 चीजों के बिना है अधूरी, कहीं निष्फल ना हो जाए व्रत, जानें पूजन सामग्री, नियम


हाइलाइट्स

छठ पूजा का प्रारंभ नहाय खाय से होता है. पहले दिन लौकी, चने की दाल और चावल का महत्व है.
छठ पूजा में सूर्य को अर्ध्य देना अनिवार्य है, इसके बिना आपकी पूजा पूर्ण नहीं हो सकती.
व्रती सुहागन महिलाएं छठ पूजा में पीला सिंदूर लगाती हैं. पीले सिंदूर को भाखरा सिंदूर भी कहते हैं.

इस साल छठ पूजा का शुभारंभ 17 नवंबर से होने जा रहा है. इस दिन छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय है. छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देव की पूजा करते हैं. छठ पूजा का व्रत काफी कठिन होता है क्यों​कि इसमें 18 घंटे या उससे अधिक समय तक निर्जला व्रत रखना होता है. निर्जला व्रत का अर्थ है कि व्रत रखने वाले को अन्न और जल ग्रहण नहीं करना है. छठ पूजा की सामग्री और नियम अन्य व्रतों से अलग हैं. 5 ऐसी चीजें हैं, जिनके बिना छठ पूजा अधूरी है. यदि आप ये काम नहीं करते हैं तो आपकी छठ पूजा निष्फल हो सकती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं छठ पूजा के नियम और छठ पूजा की सामग्री के बारे में.

इन 5 चीजों के बिना अधूरी है छठ पूजा
1. लौकी, चने की दाल और चावल
छठ पूजा का प्रारंभ नहाय खाय से होता है. पहले दिन लौकी, चने की दाल और चावल का महत्व है. व्रत रखने वाले को नहाय खाय के दिन भोजन में यही ग्रहण करना होता है. हर व्रती के लिए यही भोजन बनता है.

2. नारियल और सूप
वैसे तो छठ पूजा की कई सामग्री हैं, जिनका उपयोग होता है. लेकिन छठ पूजा में नारियल और सूप का होना अनिवार्य है. इसके बिना सूर्य देव को अर्घ्य नहीं दिया जा सकता है. सूर्य देव को जब अर्घ्य देते हैं तो सूप में ही नारियल और अन्य सामग्री रखकर जल से अर्घ्य देते हैं.

ये भी पढ़ें: पहली बार करनी है छठ पूजा? नोट कर लें महत्वपूर्ण तारीखें, तिथियां, सूर्य अर्घ्य समय, शुभ योग, अशुभ समय

3. ठेकुआ और केला
छठ पूजा के प्रसाद का मुख्य हिस्सा ठेकुआ है, जो काफी प्रसिद्ध है. प्रसाद में ठेकुआ का होना जरूरी है. व्रती इसे खरना के दिन बनाते हैं. छठ पूजा में केला जरूर रखते हैं.

4. सूर्य को अर्ध्य
छठ पूजा में सूर्य को अर्ध्य देना अनिवार्य है, इसके बिना आपकी पूजा पूर्ण नहीं हो सकती. खरना के अगले दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य देते हैं और उसके अगली सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर पारण करते हैं.

5. पीला सिंदूर या भाखरा सिंदूर
छठ पूजा में व्रती सुहागन महिलाएं पीला सिंदूर लगाती हैं. पीले सिंदूर को भाखरा सिंदूर भी कहते हैं. सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इस वजह से महिलाएं हर व्रत और त्योहार में पीला सिंदूर लगाती हैं.

ये भी पढ़ें: कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें सही तिथि और स्नान-दान मुहूर्त, देवताओं के लिए महत्वपूर्ण क्यों

छठ पूजा की सामग्री लिस्ट
1. सूप, बांस का डाला, बांस की टोकरी, नए गेहूं और चावल ठेकुआ तथा प्रसाद के लिए
2. जल, दूध, लोटा, ग्लास, थाली, काले छोटे चने, गुड़, चीनी, मिठाई, शहद
3. सूजी, मैदा, धूपबत्ती, कुमकुम, कपूर, पीला सिंदूर, चंदन, अक्षत्
4. डाभ या बड़ा नींबू, केला, नाशपाती, शरीफा, मूली, सुथनी, शकरकंदी.
5. मिट्टी के दीपक, चौमुखा दीप, रूई, बत्ती
6. सरसों का तेल, हल्दी, मूली और अदरक का पौधा, सीधे और लंबे 5 या 7 गन्ने
7. बद्धी माला, केले का घौद, पान का पत्ता, केराव.

छठ पूजा के नियम
1. छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं.
2. छठ पूजा करने वाले को निर्जला व्रत रखना जरूरी है.
3. व्रती नहाय खाय के दिन भोजन में लौकी, चने की दाल, सेंधा नमक और चावल खाते हैं.
4. खरना के दिन सूर्योदय से सूर्यास्त कुछ भी नहीं खाते हैं. सूर्यास्त के बाद पूजा करते हैं और गुड़-चावल से बनी खीर, रोटी या गुड़-रोटी खाते हैं.
5. खरना के चंद्रास्त के बाद से निर्जला व्रत रखते हैं.
6. षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
7. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही पारण करते हैं.

Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Puja



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments