पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की राय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले ऐसे पीएम हुए हैं जिनकी जनता की नब्ज पर जबरदस्त और वास्तविक पकड़ है. श्रीनगर में बाढ़ प्रभावित लोगों और सियाचीन में जवानों के बीच दीवाली मनाने के पीएम मोदी के फैसले का जिक्र करते हुए प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि इन दोनों फैसलों से उनकी उम्दा राजनीतिक समझ स्पष्ट रूप से दिखती है. ऐसी बेहतरीन राजनीतिक सोच इंदिरा गांधी को छोड़ कर किसी प्रधानमंत्री के पास नहीं दिखी.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी एक पुस्तक में ये बातें लिखी हैं. पिता प्रणब मुखर्जी से बातचीत उनकी डायरी और अपने शोध के आधार पर उन्होंने ये किताब लिखी है. किताब का शीर्षक है -इन प्रणब माई फादर- ए डॉटर्स रिमेंबर्स (In Pranab, My Father: A Daughter Remembers). यह पुस्तक जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी. किताब में शर्मिष्ठा ने प्रणब मुखर्जी की डायरी के पन्नों के हवाले से लिखा है कि पीएम मोदी से एक मुलाकात के बाद उन्होंने डायरी में लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बहुत से मुद्दों पर बातचीत हुई. डायरी में प्रणब मुखर्जी लिखते हैं- “पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि वे मेरी राय को बहुत गंभीरता से लेते हैं. मैंने उन्हें कहा कि मैं उन्हें पूरा सहयोग दूंगा. इससे ये बातें साफ हैं. पहली ये कि उनकी सोच बहुत ही स्पष्ट है. शासन चलाने की कला में वे पारंगत हैं. दूसरा जनता की नब्ज पर उनकी बहुत गहरी पकड़ है.”
इस दूसरे प्वाइंट को शर्मिष्ठा ने और विस्तार दिया है. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है- “बाबा ने दूसरे मुद्दे का मुझसे कई बार जिक्र किया था. वे कहते थे कि उनकी राय है कि इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी अकेले प्रधानमंत्री हैं जो जनता की नब्ज पर वास्तविक और पूरी तरह से पकड़ रखते हैं. 23 अक्टूबर, 2014 को उन्होंने अपनी डायरी में लिखा है कि श्रीनगर में बाढ़ प्रभावित लोगों और सियाचीन में जवानों के साथ दीवाली मनाने का पीएम मोदी का फैसला उनकी राजनीतिक समझ को दिखाता है. ऐसी राजनीतिक समझ इंदिरा गांधी के सिवाय किसी दूसरे प्रधानमंत्री में नहीं दिखी.”
इसी पुस्तक में शर्मिष्ठा ने अपने पिता से बातचीत के हवाले से उजागर किया है कि प्रणब मुखर्जी जानते थे कि सोनिया गांधी उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाएंगी. उन्होंने खुद ये बात अपनी बेटी से कही थी. पूर्व राष्ट्रपति 1960 से डायरी लिखते रहे हैं. इसमें उन्होंने राहुल गांधी के उस कदम की आलोचना भी की है जिसमें उन्होंने विधेयक फाड़ दिया था. प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरी में विशेष रूप से राहुल गांधी की आलोचना करते हुए उन्हें राजनीतिक रूप से अपरिपक्व बताया. 2013 में जब राहुल ने उस अध्यादेश को खारिज कर दिया था, जिसमें दोषी राजनेताओं को बचाने की मांग की गई थी, तब तक मुखर्जी राष्ट्रपति भवन चले गए थे. उस रात, प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरी में लिखा, “राहुल गांधी ने अजय माकन की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को हाईजैक कर लिया और कैबिनेट के फैसले को ‘बकवास’ बताया. यह पूरी तरह से अनावश्यक है. उनके पास कोई राजनीतिक कौशल नहीं बल्कि अपने गांधी-नेहरू वंश का पूरा अहंकार है.”
वह भारत के 13वें राष्ट्रपति (2012 से 2017) थे. प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त, 2020 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. मुखर्जी ने भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया. वह विदेश, रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री बने.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 17:49 IST