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बात 1986 की है। अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके 40 वर्षीय बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनाए गए थे। उस वक्त भारत के मित्र राष्ट्र रूस (तब सोवियत संघ) के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष कॉन्स्टेंटिन उस्तीनोविच चेर्नेंको थे, जिनकी राजीव गांधी की ताजपोशी के पांच महीने बाद ही देहांत हो गया था। चेर्नेको के बाद 54 वर्षीय मिखाइल गोर्बाचेव को सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनाया गया था।
1985 से 1991 तक पूर्व सोवियत संघ के अंतिम नेता गोर्बाचेव ने लगातार मजबूत सोवियत-भारत संबंधों पर जोर दिया था। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने दो बार भारत का दौरा किया था। पहली बार 1986 में, और दूसरी बार 1988 में। इन दोनों मौकों पर राजीव गांधी ने उनकी अगवानी और खिदमत की थी।
गोर्बाचेव ने पहली बार 1986 में 110 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत का दौरा किया था। तब राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे। उनकी चार दिवसीय यात्रा ऐसे समय में हुई थी, जब भारत चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ अपनी सीमाओं पर भारी सुरक्षा चिंताओं से जूझ रहा था। तब मिखाइल गोर्बाचेव ने पाकिस्तान पर अंकुश लगाया था। गोर्बाचेब, जब भारत आए थे, तब राजीव गांधी ने चार दिनों तक उनका भव्य स्वागत किया था।
इसी स्वागत के दौरान प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने बचपन के दोस्त, अभिनेता और तत्कालीन कांग्रेस सांसद अमिताभ बच्चन को मिखाइल गोर्बाचेव के सामने डांस करने को कहा था। पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने अपनी किताब ‘वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’ में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा है,”जब भी कोई महत्वपूर्ण अतिथि आता था, जैसे रूस के राष्ट्रपति, तो राजीव गांधी, अमिताभ बच्चन से कहते थे कि ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’ गाने पर डांस करके दिखाओ। अमिताभ बच्चन को जैसा भी लगता रहा हो पर उन्हें यह करना पड़ता था। इसके बाद राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन मकी दोस्ती में बहुत जल्दी ही दरार आ गई।”
ये गाना लावारिस फिल्म का है, जो कुछ साल पहले ही यानी 1981 में रिलीज हुआ था। उस वक्त अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता शिखर पर थी। फिल्माए गए इस गाने में अमिताभ कपड़े और रूप बदल-बदलकर डांस करते हैं।
राजीव गांधी की कृपा पर ही अमिताभ बच्चन ने 1984 में आठवीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनावों में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा था और 68.2 प्रतिशत वोटों के साथ विजयी हुए थे। हालांकि, उन्होंने तीन साल बाद ही राजनीति को अलविदा कह दिया था।
लोकसभा से उनके इस्तीफे के पीछे इनके भाई का बोफोर्स विवाद में अखबार में नाम आना माना जाता है। इसके लिए इन्हें अदालत भी जाना पड़ा था लेकिन इस मामले में अदालत ने बच्चन को दोषी नहीं पाया था। कहा जाता है कि राजीव गांधी अमिताभ बच्चन से इतने नाराज थे कि जब प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बच्चन उनसे मिलने आए थे तो उनके घर से निकलते ही राजीव ने बच्चन को स्नेक (सांप) कहा था।