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अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 आज क्रैश हो गई. इस विमान में 242 लोग सवार थे, जो लंदन जा रहे थे. ये जहाज टेकऑफ के पांच मिनट बाद मेघनी नगर में गिरकर जल गया. लेकिन क्या आप जानते हैं, 1972 में एक लड़की ऐसी …और पढ़ें

आसमान से आग का गोला बनकर गिरता विमान और उसमें सवार लोग. दिल दहलाने वाला ऐसा मंजर आज अहमदाबाद में देखने को मिला. एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर) 242 यात्रियों को लेकर लंदन जा रही थी. यह विमान टेकऑफ के पांच मिनट बाद मेघनी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. धुएं और मलबे के बीच बचाव का काम चल रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं, 1972 में एक लड़की ऐसी ही भयानक दुर्घटना से जिंदा बच निकली थी? वो भी बिना पैराशूट के? इस लड़की का नाम वेसना वुलोविच है. वो दिन 26 जनवरी 1972 का था, जब JAT युगोस्लाव एयरलाइंस की फ्लाइट 367 चेकोस्लोवाकिया (अब चेक गणराज्य) के ऊपर 33,330 फीट की ऊंचाई पर थी, तभी एक संदिग्ध बम विस्फोट ने विमान को टुकड़ों में बांट दिया. 22 साल की फ्लाइट अटेंडेंट वेसना वुलोविच उस विमान में थीं.
मजेदार बात ये थी कि वेसना को इस फ्लाइट में होना ही नहीं था. दूसरी वेसना नाम की फ्लाइट अटेंडेंट के साथ गलतफहमी की वजह से उन्हें ये ड्यूटी मिली. लेकिन यही गलती उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा चमत्कार बन गई. उस दिन, जब विमान चेकोस्लोवाकिया के ऊपर 33,330 फीट की ऊंचाई पर था, तभी एक बम विस्फोट हुआ. माना जाता है कि क्रोएशियाई आतंकवादी इसके पीछे थे. विस्फोट ने विमान को टुकड़ों में बांट दिया और ये बर्फीली पहाड़ियों पर जा गिरा. 27 यात्रियों और क्रू में से सिर्फ वेसना ही जिंदा बचीं. वे एक फूड कार्ट के साथ विमान के बीच के हिस्से में फंस गई थीं, जो पूंछ वाले हिस्से से जुड़ा था. बर्फ और जंगल में क्रैश होने की वजह से वेसना को थोड़ी मदद मिल गई. साथ ही, उनकी कम बीपी की वजह से उनका दिल इतने झटके में भी ठीक रहा. ब्रूनो होंके नाम के एक स्थानीय शख्स ने उन्हें बेहोश पाया और फर्स्ट-एड देकर उनकी जान बचाई.
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