Friday, July 5, 2024
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जयंत और चंद्रशेखर बीजेपी के साथ जुड़ेंगे?प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने दिया जवाब


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कहना है कि पश्चिमी यूपी में जाटों की नाराजगी का मुद्दा विपक्ष द्वारा खड़ा किया गया शिगूफा है। पश्चिमी यूपी में बड़ा जनाधार भाजपा के साथ है। वह केंद्र व राज्य सरकार के काम और संगठन के बलबूते मिशन-2024 के रण में उतरेंगे। जल्द ही जिलाध्यक्षों के दायित्वों में आंशिक बदलाव के साथ निगमों-बोर्डों में अध्यक्षों-सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। भूपेंद्र चौधरी का एक वर्ष का कार्यकाल 25 अगस्त को पूरा हो रहा है। ‘हिन्दुस्तान’ ने उनसे बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:-

सवाल-‘एक वर्ष के कार्यकाल को कैसे देखते हैं। आप कितना सफल रहे हैं ?

-उप्र ने संगठन की दृष्टि से सबसे अच्छा काम किया है। चाहे उपचुनाव हो या निकाय चुनाव अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। कभी किसी दल को ऐसा जनसमर्थन नहीं मिला। 40 फीसदी नगर पंचायतों में भी भाजपा जीती है। केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर हमने महा जनसंपर्क किया, उसमें हम पहले नंबर पर रहे। पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के प्रति जनता का विश्वास है और कार्यकर्ताओं की मेहनत से हमें सफलता मिली।

सवाल-मिशन-2024 के मद्देनज़र क्या चुनौतियां देखते हैं ?

-राजनीति में हमेशा अच्छा करने की चुनौती रहती है। जनता ने भाजपा को इतना बड़ा जनादेश दिया है और पार्टी के प्रति विश्वास है। इसी ‌विश्वास के आधार पर आगे बढ़ना चुनौती है। रामपुर उपचुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती थी। खतौली में परिणाम हमारे अनुकूल नहीं आए। हम समीक्षा कर जो कमियां रह गई हैं, उन्हें आगामी चुनावों में दूर करेंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा को बड़ा जनादेश मिलेगा।

सवाल-पश्चिमी यूपी में यह अवधारणा क्यों रहती है कि जाट नाराज़ हैं?

-पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से पश्चिमी यूपी से लेकर पूरब तक भाजपा को अपार समर्थन मिला है। वर्ष 2019 में हम 73 सीटें जीते। इसके बाद जो भी विधानसभा के चुनाव हुए उनमें भाजपा को बहुत अच्छी सफलता मिली। वर्ष 2019 में मुरादाबाद मंडल में जरूर अपेक्षित परिणाम नहीं आए लेकिन बाद में विधानसभा चुनावों में परिणाम बहुत अच्छे आए हैं। पश्चिम में चारों चुनावों में बड़ा जनादेश हमें मिला है। आगरा, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, रामपुर, बिजनौर, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा में भाजपा को अच्छी सीटें मिली हैं।

सवाल- क्या रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और चंद्रशेखर भाजपा के साथ जुड़ेंगे?

-पार्टी से किसे गठबंधन करना है, किसे नहीं यह केंद्रीय नेतृत्व का विषय है। मैं इतना कह सकता हूं कि कोई भी पार्टी भाजपा से जुड़ेगी तो उसे लाभ ही होगा।

सवाल- घोसी उपचुनाव में दारा सिंह चौहान को साथ लेने की आपकी रणनीति कितनी सफल रहेगी?

-दारा सिंह चौहान पिछड़े समाज के बड़े नेता हैं। भाजपा को उनका लाभ मिलेगा। क्षेत्र की जनता का, अपने समाज का राजनीतिक रूप से विकास करने का काम वह सरकार के साथ मिलकर बेहतर ढंग से कर सकते हैं। घोसी में भाजपा बड़े अंतर से चुनाव जीतेगी।

सवाल-संगठन में बदलाव, जिलाध्यक्ष का कार्यकर्ताओं को इंतजार है।

-संगठन का तीन साल का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो गया लेकिन राष्ट्रीय कार्यसमिति को अधिकार है कि सहमति से कार्यकाल बढ़ा सके। जून 2024 तक राष्ट्रीय कार्यसमिति ने कार्यकाल बढ़ाया है। इस वर्ष कई राज्यों में चुनाव होने हैं। लिहाजा, जिलों में संगठन में आंशिक परिवर्तन होगा। कुछ कार्यकर्ताओं के दायित्व जरूर बदलेंगे। वह भी आंशिक रूप से..। जो छह-सात साल से हैं, उनमें बदलाव हो सकते हैं। निगमों और बोर्डों के अध्यक्ष-सदस्यों की भी जल्द नियुक्ति होगी।

सवाल-‘इंडिया’ गठबंधन से कैसे निपटेंगे। अगर सपा-कांग्रेस मिलकर लड़े तो?

-सपा, बसपा और कांग्रेस, ये मौसमी लोग हैं। ये तीनों दल जनता के बीच नहीं हैं। सपा-बसपा की कारगुजारियां जनता जानती है। चुनाव के समय ये जनता के लिए किए गए कामों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गठबंधन का प्रलाप करते रहते हैं। वर्ष 2017, 2019 और 2022 में भी यह गठबंधन में रहे हैं। इनके पास कोई मुदद्दा नहीं है। ‘इंडिया’ गठबंधन केवल फोटो सेशन कर रहा है। इनका गठबंधन तात्कालिक है। पिछली सरकारें दंगाइयों के साथ खड़ी रहती थीं। एक विशेष वर्ग की यात्राओं को रोकती थीं। सरकार अब उन पर पुष्पार्जन कर रही है। हम अपनी विरासत के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

सवाल-‘ओपी राजभर अब आपके साथ हैं। इसका कितना फायदा देखते हैं।

-ओम प्रकाश राजभर का एक क्षेत्र में बड़ा जनाधार है। उनका वोट बैंक और भाजपा का समर्थक वोट बैंक मिलकर एक बड़ी ताकत बनेंगे। जो उनके विषय हैं और जो भाजपा के मुद्दे हैं, उन्हें लेकर हम काम करेंगे। निश्चित रूप से हमें फायदा मिलेगा और उनके समाज को भी लाभ होगा। भाजपा पिछड़ों की कुछ जातियों को आरक्षण देने की पक्षधर रही है तब समाजवादी पार्टी के ही लोग अदालत में इसके विरोध में चले गए थे। 

सवाल-क्या मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने वाला है?

-यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन संभव है इन लोगों (दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर) को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शपथ दिला दी जाए लेकिन मंत्रिमंडल में विस्तार जैसा कोई विषय पार्टी के समक्ष नहीं है।



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