हाइलाइट्स
जयपुर के प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल के खुद के शहर कोटा में हो रहे सबसे ज्यादा विकास कार्य
चार साल में यूडीएच मंत्री के जयपुर के पांच दौरे सिर्फ निरीक्षण और निर्देशों तक ही सीमित रहे
लगातार फोकस से कोटा के सभी बड़े प्रोजेक्ट पूरे, कोचिंग हब के बाद अब पर्यटन हब बनाने की तैयारी-
एच. मलिक
कोटा/जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) जैसे-जैसे करीब आ रहे है, वैसे-वैसे राज्य में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के अंदर ही जुबानी जंग तेज हो गई है. गहलोत-पायलट के सियासी संग्राम से इतर यह हमले सरकार के दो मंत्रियों के बीच हुए. यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Singh Dhariwal) और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) जयपुर के विकास को लेकर आमने-सामने हैं. पड़ताल में ये हकीकत सामने आई है कि राजधानी जयपुर के बजाए कोटा को चमकाने पर ज्यादा फोकस हुआ है.
इस विवाद की शुरुआत खुद जयपुर के प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने उदयपुर से की. उन्होंने यह कहकर राजनीति के शांत माहौल में हलचल पैदा कर दी कि तीन मंत्री और छह विधायक होने के बावजूद जयपुर विकास में पिछड़ रहा है.
जयपुर के प्रति यूडीएच मंत्री की नीयत में है खोट
यूडीएच मंत्री की इस तल्ख टिप्पणी पर जयपुर के दो मंत्री तो चुप रहे, लेकिन खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जयपुर के जनप्रतिनिधि ही मिलकर जयपुर का विकास कर रहे हैं. प्रभारी मंत्री होने के बावजूद उन्होंने कभी जयपुर के विकास कार्यों के लिए मीटिंग नहीं ली. सारा फोकस कोटा पर किया. ऐसा दिखता है मानो जयपुर के प्रति उनकी नीयत में खोट है. अगर शांति धारीवाल भी साथ देते तो जयपुर प्रदेश का सबसे अव्वल स्मार्ट सिटी होता.
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कोटा में पूरा फोकस, जयपुर में निरीक्षण की औपचारिकता
खाद्य मंत्री खाचरियावास के आरोपों की रोशनी में कोटा और जयपुर के विकास और प्रोजेक्ट की तुलना करें तो राजधानी होने के बावजूद जयपुर वाकई पिछड़ा नजर आता है. प्रभारी मंत्री धारीवाल के खुद के शहर कोटा के ज्यादातर प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जबकि जयपुर में अधिकतर बड़े प्रोजेक्ट अभी अधूरे ही चल रहे हैं. प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने इस पूरे कार्यकाल में जयपुर के सिर्फ 5 दौरे किए हैं और उनमें से मात्र 2 दौरों में जनता के बीच गए. डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग, निराकरण और समीक्षा के लिए बैठक ही नहीं की गई. यहां तक कि विधायकों का आरोप है कि प्रभारी मंत्री ने यहां पर एक बार भी अलग से मीटिंग तक नहीं की. सरकार की वर्षगांठ पर प्रभारी मंत्री ने जयपुर जिले में हुई बैठक में पहुंचकर बस औपचारिकता निभाई.
कोटा में पांच हजार करोड़ के कराए विकास कार्य
दूसरी ओर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के खुद के शहर कोटा को एजुकेशन हब के बाद अब पर्यटन हब के रूप में भी विकसित करने में जुटे हैं. इसी के चलते साढ़े चार साल में ही धारीवाल ने कोटा में 5 हजार करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य तेजी से कराए हैं. कोटा में खुद रहने के बावजूद उनके लगातार दौरे, बैठकें, समीक्षा, शिलान्यास और उद्घाटनों का दौर चलता रहा है. यूडीएच मंत्री का फोकस कोटा पर होने के चलते अधिकारी भी उन्हीं के सुर में सुर मिलाकर नंबर बढ़ाने और कोटा को चमकाने में लगे रहे.
मंत्री के फोकस से कोटा ऐसे बन रहा पर्यटन हब
मंत्री के फोकस के चलते कोटा में कोरोनाकाल में भी विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण जारी रहा. यूडीएच मंत्री ने कोटा में साल 2020 में 12 जनवरी को 6 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास किया. मार्च में नगर विकास न्यास की सड़क का लोकार्पण और रेलवे बाइपास आरओबी का लोकार्पण किया. 2021 में 18 जुलाई को 6 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण किया. अगले साल फरवरी में कुनाड़ी में सामुदायिक भवन का, अप्रैल में 6.77 करोड़ के नाले का और जुलाई में हॉकी के सिंथेटिक ट्रैक का शिलान्यास किया. इसके बाद अगस्त में मोटर मार्केट का लोकार्पण हुआ. पिछले साल दिसंबर में रामपुरा में सैटेलाइट अस्पताल के 193 करोड़ रुपए के विकास कार्यो का शिलान्यास यूडीएच मंत्री ने किया.
और राजधानी के ये हाल, दौरे में नहीं दिखा विकास
जिला प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने सबसे पहले 20 जून 2019 को जौहरी बाजार का दौरा किया था. यहां अतिक्रमण को देखकर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के मौखिक निर्देश दिए. प्रशासन शहरों के संग अभियान में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 10 नवंबर 2021 को हेरिटेज के किशनपोल जोन क्षेत्र में पुरानी बस्ती सामुदायिक केन्द्र में शिविर का औचक निरीक्षण किया. अभियान में लापरवाही बरतने पर कनिष्ठ अभियन्ता जगेन्द्र और कनिष्ठ लिपिक शशि ठठेरा को निलम्बित कर दिया गया. राजस्व अधिकारी सरोज पारीक का सिरोही स्थानान्तरण कर दिया. इसके बाद 20 अगस्त 2022 को राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का शुभारंभ में शामिल होने वे अजमेर रोड स्थित उगरियावास पंहुचे. कोरोना काल में बनीपार्क सैटेलाइट अस्पताल का निरीक्षण कर कोरोना टीकाकरण को लेकर निर्देश दिए.
राजधानी में करोड़ों के प्रोजेक्ट्स हैं अंडर कंस्ट्रक्शन
पिछले साल दिसंबर में इंदिरा रसोई का निरीक्षण किया. यानी साढ़े चार साल में जयपुर के विकास पर तवज्जो जीरो ही रही. यही वजह है कि जयपुर के कई बड़े प्रोजेक्ट्स अभी भी अंडर कंस्ट्रक्शन ही चल रहे हैं. इनमें न्यू बस स्टैंड, रामनिवास अंडर ग्राउंड पार्किंग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, सॉलिड वेस्ट ट्रांसपर स्टेशन, द्रव्यवती नदी सौंदर्यीकरण परियोजना, झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड परियोजना, सिविल लाइंस आरओबी, बस्सी आरओबी, मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट, गवर्नमेंट गर्ल्स कालेज किशनपोल, वॉल सिटी डेकोरेटिव पोल और रेनोवेशन, हेरिटेज वाक रूट और जल महल साइकिल ट्रैक समेत करोड़ों के प्रोजेक्ट शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2023, 06:45 IST