Home National जरूरत पड़ी तो जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा से सस्पेंड होने के बाद अधीर रंजन चौधरी का पलटवार

जरूरत पड़ी तो जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा से सस्पेंड होने के बाद अधीर रंजन चौधरी का पलटवार

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जरूरत पड़ी तो जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा से सस्पेंड होने के बाद अधीर रंजन चौधरी का पलटवार

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कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन के खिलाफ प्रस्ताव को लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। अधीर रंजन के निलंबित होने के बाद शुक्रवार को लोकसभा में मॉनसून सत्र के आखिरी दिन विपक्षी I.N.D.I.A. गुट के सांसदों ने हंगामा मचाया और सदन से वॉकआउट किया। निलंबन के विरोध में सांसदों ने संसद के अंदर डॉ आम्बेडकर की मूर्ति तक विरोध मार्च किया। अब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने अधीर रंजन चौधरी ने अपने निलंबन पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह एक नई घटना है जिसे हमने संसद में अपने करियर में पहले कभी अनुभव नहीं किया है। यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्तारूढ़ दल की तरफ से जानबूझकर की गई एक योजना है। यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर कर देगा।”

कांग्रेस नेता और वकील मनीष तिवारी ने अपने एक बयान में कहा था कि वे अधीर रंजन के निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इस बयान के आधार पर पूछे गए सवाल पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो मैं सुप्रीम कोर्ट जा सकता हूं।”

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अधीर रंजन चौधरी का बचाव किया। शुक्रवार को खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ‘नीरव मोदी’ शब्द का इस्तेमाल करने पर उनकी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन सही नहीं है, क्योंकि ‘नीरव’ का मतलब ‘शांत’ होता है। बता दें लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।

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