Home Life Style जानें क्या होता है टोकोफोबिया, जब प्रेग्‍नेंट होने से डरती है महिलाएं, ये टिप्स करेंगे मदद

जानें क्या होता है टोकोफोबिया, जब प्रेग्‍नेंट होने से डरती है महिलाएं, ये टिप्स करेंगे मदद

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जानें क्या होता है टोकोफोबिया, जब प्रेग्‍नेंट होने से डरती है महिलाएं, ये टिप्स करेंगे मदद

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Tokophobia Fear Of Getting Pregnant: मां बनना हर महिला के लिए एक बेहद सुखद अहसास है, जिसे शब्दों में बयां करना हो सकता है थोड़ा मुश्किल हो। लेकिन ज्यादातर महिलाएं अपने जीवन में एक बार इस खूबसूरत अहसास को जरूर फील करना चाहती हैं। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया सकता है कि कुछ ऐसी भी महिलाएं होती हैं जो गर्भावस्था को तकलीफदेह एक्सपीरियंस मानती हैं। जी हां, कई बार महिलाएं प्रेग्‍नेंसी में होने वाले असहनीय दर्द और कई अन्य कारणों की वजह से प्रेंग्‍नेट होने से डरने लगती है। प्रेंग्‍नेट होने के इस डर को मेडिकल भाषा में टोकोफोबिया कहते हैं। अगर आप भी प्रेग्‍नेंसी फोबिया से गुजर रहीं रही हैं तो यह टिप्‍स आपके काम आ सकते हैं।

टोकोफोबिया के लक्षण-

टोकोफोबिया को 2 कैटिगरी में बांटा गया है- प्राइमरी और सेकंडरी। प्राइमरी कैटिगरी में महिला खुद कभी बच्चे को जन्म नहीं देती है लेकिन बच्चे को जन्म देने वाली दूसरी महिलाओं को या उनकी तस्वीरें देखकर परेशान हो जाती है। इस तरह के डर की पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षणों से भी तुलना की जा सकती है। जबकि टोकोफोबिया की दूसरी सेकंडरी कैटिगरी में महिला खुद जब किसी तरह के ट्रॉमैटिक बर्थ एक्सपीरियंस जैसे- मिसकैरेज या स्टिलबर्थ से गुजर चुकी हो। तो उसके मन में ट्रॉमा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

टोकोफोबिया के डर को दूर करने के उपाय-

पार्टनर का साथ- 


अगर आपको लगता है कि आप प्रेग्‍नेंसी फोबिया से गुजर रही है तो आपको इसके बारे में अपने पार्टनर से बात करनी चाहिए। ताकि वो आपके इस डर को दूर करने में आपकी मदद कर सके। बिना बताए वो आपको डर के बारे में नहीं जान सकते हैं। 

काउंसलर से बात- 

ट्रॉमैटिक एक्सपीरियंस से गुजरने वाली महिला के लिए काउंसलिंग जरूरी होती है। गर्भावस्‍था बाद अगर आप  प्रसव के बाद होने वाले दर्द से उबर नहीं पा रही हैं तो सबसे पहले एक अच्छे काउंसलर के पास जाकर उससे सलाह लें। काउंसलर की सलाह के अलावा उन महिलाओं से भी बात करें, जो इस दौर से गुजर चुकी हैं।

थेरेपी-

टोकोफोबिया के मरीज अगर डिप्रेशन, ऐंग्जाइटी जैसे लक्षणों से जुझ रहे हों तो उन्हें डायरेक्ट थेरपी की जरूरत होती है।

सकारात्‍मक सोच-

जब तक आपके अंदर मातृत्‍व की भावना नहीं आएगी तब तक आप खुद में इस डर से लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगी। 

जानकारी बढ़ाएं-

लोगों से पूछने की जगह किताबें पढ़कर या एक्सपर्ट से बात करके गर्भावस्‍था से लेकर प्रसव तक के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करें। ताकि आपके मन से बेकार का डर निकल जाए। 

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