Friday, September 6, 2024
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जितिन प्रसाद, RPN सिंह की काट हो सकते हैं वरुण गांधी, कांग्रेस के लिए कैसे फायदेमंद? समझिए


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Varun Gandhi News: यूपी के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले कुछ सालों में पार्टी से साइडलाइन होने के बाद वह भाजपा सरकार की योजनाओं के खिलाफ जमकर हल्ला बोलते रहे हैं। सियासी गलियारों में वरुण को लेकर चर्चाएं हैं कि वे अपनी राह भाजपा से अलग कर सकते हैं। उनके कांग्रेस में जाने की भी संभावनाएं पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं। भले ही राहुल गांधी ने अलग-अलग विचारधारा होने का बयान देकर उनकी संभावित एंट्री पर लगभग रोक लगा दी थी, लेकिन चचेरी बहन प्रियंका गांधी से अच्छे रिश्ते और कांग्रेस के मौजूदा हालात की वजह से वरुण के कांग्रेस में आने की संभावनाएं अब भी बनी हुई हैं।

राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि वरुण कांग्रेस में जगह बनाने में सफल हो जाते हैं, तो वे उन नेताओं का विकल्प व उनकी काट बन सकते हैं, जिन्होंने विगत वर्षों में कांग्रेस छोड़ दी। यूपी में कांग्रेस से जाने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह भी शामिल हैं। दोनों ही नेताओं को कांग्रेस का भविष्य माना जाता था और उनके राहुल गांधी से काफी अच्छे संबंध थे। हालांकि, अब जब कांग्रेस के पास बड़े चेहरों की कमी है, तो पार्टी वरुण गांधी के जरिए इसे दूर कर सकती है।

कांग्रेस के लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं वरुण?

भाजपा सांसद वरुण और उनकी मां मेनका गांधी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे माना जाए कि वे कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन वरुण के भाषणों को सुनकर लगता है कि कांग्रेस के लिए उनके मन में अब भी सॉफ्ट जगह है। दरअसल, वरुण और मेनका भी देश की सबसे बड़ी सियासी फैमिली गांधी परिवार का हिस्सा हैं, जिसने दशकों तक सत्ता पर राज किया। राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि वरुण फिर से घर वापसी करते हुए कांग्रेस का रुख करते हैं, तो यह दोनों के लिए विन-विन जैसी सिचुएशन होगी। 

दरअसल, दशकों पहले यूपी से दूर हो चुकी कांग्रेस की देशभर में हालत खराब है। ऐसे में उसे बड़े नेताओं को अपने दल में शामिल करने की जरूरत है। इन नेताओं में वरुण गांधी का भी नाम हो सकता है। यदि वरुण कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो इससे पार्टी को यूपी में फिर से पैठ बनाने में कामयाबी हासिल हो सकती है, जबकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी वरुण की लोकप्रियता कांग्रेस को देश के हिंदी बेल्ट में फायदा पहुंचा सकती है। 

यूपी में वरुण गांधी का इन क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव

साल 2009 में वरुण गांधी ने मुस्लिमों के खिलाफ भाषण दिया था, जिसके बाद उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ गई थी। इसके बाद उनकी छवि फायरब्रांड नेता की बन गई। वहीं, साल 2014 के बाद उनके सितारे गर्दिश में चले गए, लेकिन उनका प्रभाव राज्य में बरकरार रहा। पीलीभीत के अलावा, वरुण सुल्तानपुर से भी सांसद रह चुके हैं। तराई बेल्ट के जिलों लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सुल्तानपुर आदि में वरुण की काफी पकड़ रही है। बड़ी संख्या में किसान, युवा उनके भाषणों को सुनने आते हैं और चुनाव के दौरान वोट देते हैं। यही वजह रही कि लखीमपुर खीरी में हुए थार कांड में वरुण ने खुलकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ विरोध जताया और पीएम मोदी को पत्र तक लिखा। ऐसे में यदि वरुण कांग्रेस में जाते हैं, तो इसका फायदा पूरे क्षेत्र में पार्टी को मिल सकता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि वरुण भविष्य में किस ओर रुख करते हैं, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि वे लोकसभा चुनाव से पहले कोई अहम कदम उठा सकते हैं।



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