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Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनेता और विद्वान आचार्य चाणक्य ने जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बताई हैं. उनके विचार उस समय जितने प्रभावशाली थे, आज भी उतने ही प्रास…और पढ़ें

चाणक्य नीति
हाइलाइट्स
- खुशी में कभी वचन न दें.
- गुस्से में कभी जवाब न दें.
- उदासी में कभी निर्णय न लें.
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और रणनीतिकार थे. उन्होंने जो नीतिशास्त्र लिखा, उसे चाणक्य नीति कहा जाता है. उनकी राजनीति के साथ-साथ समाज के हर पहलू पर एक गहरी समझ थी. उनके द्वारा कही गईं बातें आज के वक्त में भी उतनी ही कारगर हैं. जो आज के वक्त में लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही हैं. अगर आप भी अपने जीवन में शांति, सफलता और संतुलन चाहते हैं, तो चाणक्य द्वारा बताए गए इन नियमों को जरूर जरूर करें. इन नीतियों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं, बल्कि आने वाली कई बड़ी परेशानियों से भी बच सकते हैं. इसके अलावा चाणक्य ने कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी बताया है, जिनसे हमेशा दूर रहना चाहिए.
खुशी में कभी वचन न दें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कई बार जब हम बहुत खुश होते हैं, तो बिना सोचे-समझे किसी से कोई वादा कर बैठते हैं. उस समय हम परिस्थितियों का पूरा मूल्यांकन ठीक से नहीं कर पाते और बाद में वही वादा हमारे लिए मुसीबत बन सकता है. इसलिए अत्यधिक खुशी में कोई वादा न करें. निर्णय हमेशा सोच-समझकर और शांत मन से लेना चाहिए.
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गुस्से में कभी जवाब न दें
गुस्सा एक ऐसी भावना है जिसमें व्यक्ति अपना संयम खो बैठता है. उस वक्त वह अच्छे-बुरे और सही गलत की समझ कुछ क्षण के लिए भूल जाता है. इस बात का दुख उसे बाद में होता है. इस स्थिति में बोले गए शब्द रिश्तों को तोड़ सकते हैं और छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं. चाणक्य के अनुसार गुस्से में कभी कोई प्रतिक्रिया न दें.
उदासी में कभी निर्णय न लें
जब इंसान बहुत दुखी होता है, तो उसका मन और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है. ऐसे में लिए गए फैसले अकसर गलत साबित होते हैं.
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ऐसे लोगों से रहें दूर
चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति मूर्ख लोगों की बातों में आकर उन्हें ज़िम्मेदारी देता है, वह हमेशा नुकसान ही उठाता है. मूर्ख लोग हर गलती के लिए दूसरों को दोष देते हैं. ऐसे लोगों की संगति में रहना हमेशा नुकसानदायक होता है.
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