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Parenting Tips To Raise Twins: माता-पिता बनने का अहसास बेहद खास होता है। एक नवजात शिशु आपकी लाइफ में कदम रखते ही आपके जीवन को पूरी तरह से बदलकर रख देता है। यह अहसास तब और भी ज्यादा खास होता है, जब आप पहली बार माता-पिता बन रहे हों। लेकिन आज बात पेरेंटिंग सेक्शन में नवजात शिशु की केयर की नहीं बल्कि जुड़वा बच्चों की परवरिश की होने वाली है। ये बात तो सब जानते हैं कि जुड़वा बच्चों को संभालना बहुत मुश्किल काम होता है। इनकी परवरिश करते समय माता-पिता को मेहनत और समय भी दोगुना लगता है। ऐसे में अगर आप भी जुड़वा बच्चों के पेरेंट्स हैं और उनकी परवरिश करते समय अक्सर परेशान हो जाते हैं तो ध्यान रखें ये बातें, हर मुश्किल लगने लगेगी आसान।
जुड़वा बच्चों की परवरिश करते समय ध्यान रखें ये बातें-
ज्वाइंट शेड्यूल-
जुड़वा बच्चों की परवरिश करते समय आपका काम भी दोगुना बढ़ जाता है। ऐसे में दोनों बच्चों के लिए अलग-अलग शेड्यूल बनाने की जगह एक ही शेड्यूल बनाएं। अलग-अलग शेड्यूल बनाने से आपको कंफ्यूजन हो सकती है। ऐसे में दोनों बच्चों को अच्छी तरह संभालने के लिए दोनों का एक ज्वाइंट शेड्यूल बनाएं।
बाकी पेरेंट्स से करें बात-
जुड़वा बच्चों की परवरिश अकेले करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में ट्विंस बच्चों की देखभाल कर रहे दूसरे पेरेंट्स से आप अपनी समस्याएं शेयर करके उचित सलाह ले सकते हैं। वो आपकी स्थिति से निकल चुके हैं, तो उनके पास आपके लिए कोई बेहतर सलाह ही होगी। यकीन मानिए उनके अनुभव आपके बड़े काम आ सकते हैं।
दोनों को अलग समझें-
अक्सर लोग जुड़वा बच्चों को एक जैसी पर्सनालिटी समझने की गलती कर देते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे जुड़वा हैं तो उन्हें खाना भी एक जैसा पसंद होगा, कपड़े भी एक जैसे पहनेंगे। ऐसा न करें। जुड़वा बच्चे होने का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि दोनों की पर्सनालिटी भी एक जैसी ही होगी। बच्चों की परवरिश करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हर बच्चा खुद में अलग होता है और उसकी पर्सनालिटी और जरूरतें भी दूसरे से अलग होती हैं। इसलिए बच्चों को अलग समझकर ही ट्रीट करें।
जिम्मेदारियां बांटें-
बच्चा एक हो या जुड़वा, उनकी परवरिश माता-पिता को मिलकर ही करनी चाहिए। मिलकर जिम्मेदारियां बांटने से न सिर्फ काम का बोझ कम हो जाता है बल्कि दोनों पेरेंट्स बच्चों के साथ अच्छी तरह कनेक्ट भी हो पाते हैं।
जुड़वा बच्चों की तुलना न करें-
माता-पिता को कभी भी जुड़वा बच्चों की परवरिश करते समय उनकी तुलना एक दूसरे से नहीं करनी चाहिए। इस बात को समझने की कोशिश करें कि कोई बच्चा एक चीज में अच्छा हो सकता है, तो दूसरा किसी और चीज में माहिर होगा।
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