Home Health जेट लैग की असल वजह है मेलाटोनिन हार्मोन का कम बनना, क्या है उपाय?

जेट लैग की असल वजह है मेलाटोनिन हार्मोन का कम बनना, क्या है उपाय?

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हाइलाइट्स

पृथ्वी पर क्षैतिज यात्रा करने से जेट लैग होता है. रात में बनने वाला मेलाटोनिन हार्मोन जिम्‍मेदार है.
समय के साथ या समय के विपरीत जाने पर इंसान का शरीर उस बदलाव को नहीं समझ पाता है.

Jet Lag: जेट लैग उस दिशा में यात्रा करने से ही होता है, जहां समय में बदलाव हो. उदाहरण के लिए कोई पूर्व से पश्चिम की ओर यात्रा कर रहा है तो समय में बदलाव के कारण उसे जेट लैग हो सकता है. मान लेते हैं कि एक व्‍यक्ति दिल्ली से न्यूयॉर्क की 15 घंटे की उड़ान सुबह 6 बजे शुरू करता है तो वह न्यूयॉर्क के समय अनुसार उसी दिन सुबह 11 बजे पहुंच जाएगा. न्यूयॉर्क में दिन के 11 बजे होंगे, तब भारत में रात के 1.30 बज रहे होंगे. ऐसी स्थिति में नींद का चक्र बिगड़ जाएगा. साथ ही नींद के समय बनने वाला मेलाटोनिन हार्मोन भी कम बनेगा.

मेलाटोनिन का स्तर कम होने से नींद व अन्य मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं. यह समस्या तब तक बनी रह सकती है, जब तक आपका शरीर स्थानीय समय के मुताबिक अपने आप को नहीं ढाल लेता. मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर जब शरीर की आवश्यकता के अनुसार हो जाता है, तब जेट लैग भी खत्म हो जाता है. मेलाटोनिन हार्मोन नींद के समय में पैदा होता है. अगर नींद के चक्र को ठीक कर लिया जाए तो इस समस्या से भी बचा जा सकता है.

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कैसे ठीक करें नींद का चक्र
गंतव्य स्थान के समय में अपने शरीर को जल्द से जल्द ढाल लें. हो सके तो अपने पुराने समय क्षेत्र को भूल जाएं. नींद को वहां के समय में ढालने के लिए दवा भी ले सकते हैं. खूब पानी पिएं और खाने में सलाद व फल ज्‍यादा खाएं.

अगर नींद के चक्र को ठीक कर लिया जाए तो जेट लैग की समस्या से बचा जा सकता है.

यदि समय में बहुत बड़े बदलाव की ओर यात्रा कर रहे हैं या भारत से अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं तो उसकी तैयारी पहले से करनी चाहिए. यात्रा से एक सप्ताह पहले सोने के समय में बदलाव शुरू कर देना चाहिए. रोजाना रात्रि देर से सोना शुरू करें. सोने के समय को धीरे-धीरे सुबह 9 बजे तक ले आएं यानी भारत में जब सुबह के 9 बजेंगे तो न्यूयार्क में रात के 11:30 बज रहे होंगे. अगर आपने अपनी नींद अमेरिका के समय के अनुसार बना ली तो जेट लैग का कोई असर आपके शरीर पर नहीं पड़ेगा.

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वापस जाना ज्‍यादा मुश्किल
अब वापसी की बात करें तो वह और भी खतरनाक होता है. समय में वापस जाने से ज्‍यादा कठिन होता है समय से पहले गमन करना. अगर आप पश्चिम की ओर यात्रा करते हैं तो आपका बॉडी क्लॉक कम भ्रमित होगा, लेकिन जब पश्चिम से पूर्व की ओर यात्रा करेंगे तो आपकी बॉडी क्लॉक ज्‍यादा भ्रमित हो जाएगी. उदाहरण के लिए अगर आप न्यूयॉर्क से सुबह के 11 बजे दिल्ली की 15 घंटे की उड़ान भरते हैं तो आप अगले दिन 10:30 बजे पहुंचेंगे. इसका मतलब हुआ कि यात्रा 15 घंटे की और बॉडी क्लॉक में 24 घंटे का फर्क हो गया. ऐसी स्थिति में आपका जेट लैग खत्‍म होने में 2 से 4 दिन लग सकते हैं.

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