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Natural Herbs For Joint Pain: जब हम भोजन करते हैं तो पेट में यह जाकर पचता है. इस पाचन से प्रोटीन निकलता है. प्रोटीन बनने के क्रम में प्यूरिन बनता है. प्यूरिन यूरिक एसिड में बदकर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन कभी-कभी यूरिक एसिड खून में बढ़ने लगता है. इसे हाइपरयूरीसेमिया कहते हैं. हाइपरयूरीसेमिया होने पर गठिया का दर्द, जोड़ों का दर्द या अर्थराइटिस की बीमारी हो जाती है. जोड़ों के दर्द की इतनी ज्यादा टीस होती है कि इससे मरीज की आंखों से आंसू निकलने लगता है. इसे टीस को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है. कुछ फूड में प्यूरिन की मात्रा ज्यादा होती है. वहीं कुछ अन्य कारणों की वजह से भी शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है लेकिन कुछ नेचुरल हर्ब्स की मदद से ही इस यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है. ये नेचुरल हर्ब्स इस बीमारी के लिए धांसू काम करते हैं. आइए जानते हैं कि ये नेचुरल हर्ब्स कौन-कौन से हैं.
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1. हल्दी-हल्दी बेहद औषधीय गुणों से भरपूर होती है. आयुर्वेद में हल्दी से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है. हल्दी ऐसा नेचुरल हर्ब्स हैं जिसमें करक्यूमिन कंपाउड पाया जाता है. यह करक्यूमिन खून से यूरिक एसिड को बाहर कर देता है. पबमेड सेंट्रल जर्नल के मुताबिक हल्दी जोड़ों के दर्द या अर्थराइटिस के लक्षण को कम करती है. इसे दूध में मिलाकर पीने से गठिया के दर्द से आराम मिलती है. Image: Canva
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2. त्रिफला-हेल्थलाइन के मुताबिक त्रिफला से जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है. त्रिफला में तीन तरह के हर्ब्स होते हैं- बिभीतक (बहेड़ा) अमलकी (आंवला) और हरितकी (हरड़). आयुर्वेद के मुताबिक ये तीनों शरीर के तीनों दोष को मिटाते हैं. त्रिफला एंटी-इंफ्लामेटरी होता है जो जोड़ों से सूजन को कम कर दर्द की टीस को कम करता है. Image: Canva
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3. नीम-नीम एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ एंटी-इंफ्लामेटरी भी होता है. आयुर्वेद में नीम की पत्तियों से गठिया के दर्द का इलाज बताया गया है. नीम की पत्तियों को पीसकर जब दर्द वाले जोड़ों पर इसे लगाया जाता है तो बहुत जल्दी दर्द से राहत मिल जाती है. नीम जोड़ों में सूजन को कम करता है और दर्द से राहत दिलाता है. Image: Canva
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4. एलोवेरा -रिसर्च में साबित हो चुका है कि एलोवेरा भी एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है. पबमेड सेंट्रल के मुताबिक एलोवेरा का जूस से खून में यूरिक एसिड की मात्रा को बहुत कम कर देता है. इससे जोड़ों का दर्द कम हो जाता है. Image: Shutterstock
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5. करेला-आयुर्वेद में करेला को एंटी-डायबेटिक माना गया है कि लेकिन करेला गठिया के दर्द में भी फायदेमंद होता है. करेला शरीर में वात्त दोष को कम करता है. इसलिए आयुर्वेद में गठिया होने पर करेले का सेवन करने की सलाह दी जाती है. अध्ययन के मुताबिक करेला शरीर में यूरिक एसिड को कम करता है. Image: Canva
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