Home Health जो बाइडन वाला खतरनाक कैंसर अगर आम इंसान को हो जाए तो वह कितने दिनों तक जिएंगे, प्रोस्टेट कैंसर कितना घातक, डॉक्टर से जानिए

जो बाइडन वाला खतरनाक कैंसर अगर आम इंसान को हो जाए तो वह कितने दिनों तक जिएंगे, प्रोस्टेट कैंसर कितना घातक, डॉक्टर से जानिए

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जो बाइडन वाला खतरनाक कैंसर अगर आम इंसान को हो जाए तो वह कितने दिनों तक जिएंगे, प्रोस्टेट कैंसर कितना घातक, डॉक्टर से जानिए

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Joe Biden Prostate Cancer : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन जूनियर गंभीर प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं. उनका कैंसर अब हड्डियों तक फैल चुका है. उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह एक एडवांस स्टेज वाला प्रोस्टेट कैंसर है. उन्हें यह बीमारी तब पता चली जब उन्होंने पेशाब से जुड़ी कुछ समस्याओं की शिकायत की. जांच में डॉक्टरों ने प्रोस्टेट में एक छोटा गांठ पाया है. डॉक्टरों ने बताया है कि बाइडेन कैंसर की ग्लिसन स्कोर 9 में है. यह स्कोर बताता है कि यह बीमारी बहुत तेज़ी से बढ़ने वाली है. इसे स्टेज 4 और ग्रेड 5 कैंसर माना जाता है. आखिर इन सबका मतलब क्या होता है और अगर किसी साधारण व्यक्ति को प्रोस्टेट वाली यही कैंसर हो जाए तो वह कितने दिनों तक जीवित रह सकता है. इसका इलाज क्या है और इस इलाज में खर्च कितना है. इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए एशियन अस्पताल, फरीदाबाद में यूरोलॉजी और किडनी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. राजीव कुमार सेठिया से बात की.

जो बाइडेन का कैंसर कितना खतरनाक
डॉ. राजीव कुमार सेठिया ने बताया कि जो बाइडन का कैंसर एडवांस स्टेज में है. इसे मेडिकल भाषा में ग्लिसन स्कोर 9 कहा गया है. बायोप्सी करने के बाद कैंसर कोशिकाओं में यह मापा जाता है कि उसमें आगे प्रसार करने की क्षमता कितनी है. इसी आधार पर स्कोर दिया जाता है. ग्लिसन स्कोर 9 या 10 वाले कैंसर को सबसे गंभीर माना जाता है. इसका मतलब है कि कैंसर कोशिकाएं तेजी से बढ़ रही है. यह कैंसर का स्टेज 4 पर है, जिसका मतलब है कि यह कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों, खासकर हड्डियों तक फैल चुका है. लेकिन आपकी इसकी भयावहता पर न जाएं. विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि इसका भी इलाज संभव है. डॉ. राजीव सेठिया बताते हैं कि 9 और 10 स्कोर वाले कैंसर को पूरी तरह तो ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इसमें जीवन को बढ़ाया जा सकता है. अगर शरीर ने सही से काम किया तो इसमें जीवन को 5 से 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है.

एडवांस स्टेज वाले कैंसर का क्या है इलाज
डॉ. राजीव कुमार सेठिया ने बताया कि इसका इलाज भी अन्य कैंसर की तरह ही किया जाता है. लेकिन अन्य कैंसर की तुलना में प्रोस्टेट कैंसर का इलाज आसान होता है.चूंकि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन प्रोस्टेट कैंसर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए प्रोस्टेट कैंसर को ठीक करने का पहला कदम शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को रोकना है. पहले इसका इलाज पुरुषों के अंडकोष निकाल कर किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाता. अब इसके लिए इंजेक्शन या गोली दी जाती है जिससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का रिलीज होना बंद हो जाता है या कम हो जाता है. हालांकि सिर्फ टेस्टोस्टेरोन रोकने से इलाज पूरा नहीं होता. इसलिए डॉक्टर इसके साथ एंड्रोजन ब्लॉकर नामक दवाएं भी देते हैं, जो शरीर में बचे हुए हार्मोन को भी ब्लॉक करती हैं. अगर कैंसर हड्डियों में ज्यादा फैला हो तो मरीजों को ओरल कीमोथेरेपी या रेडिएशन भी दिया जाता है. इसे टारगेटेड कीमोथेरेपी दी जाती है. डॉ. राजीव सेठिया ने बताया कि आज मेडिकल जगत बहुत एडवांस हो गया है. इसलिए PSMA PET स्कैन की मदद से बहुत जल्दी और सटीक जानकारी मिलती है.

आम आदमी कैसे कराएं ये इलाज
डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि इसका इलाज वही है जो इलाज जो बाइडेन के लिए है. भारत में पिछले एक दशक से कैंसर के इलाज में काफी एडवांसमेंट आ गया है. भारत में जितने बड़े सरकारी अस्पताल और बड़े ट्रस्टी अस्पताल है, उन सभी जगहों पर प्रोस्टेट कैंसर का इलाज हो सकता है. अगर आप सही समय पर डॉक्टरों के पास पहुंच गए तो प्रोस्टेट कैंसर का पूरी तरह से इलाज है लेकिन अगर आप स्टेज 4 पर पहुंचे तो भी आपकी जिंदगी बढ़ जाएगी. डॉ. राजीव सेठिया ने बताया कि अब यह इलाज सस्ता भी है. इस सरकार में कैंसर की दवाइयां बहुत सस्ती हो गई है. इसके लिए बहुत सस्ती कीमोथेरेपी की दवा है.

इस बीमारी से बचने के लिए क्या करें
डॉ. राजीव कुमार सेठिया ने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर का पहले से कुछ भी लक्षण सामने नहीं आता. जब पेशाब में दिक्कत होने लगे तो इसका मतलब है कि प्रोस्टेट कैंसर एडवांस स्टेज में आ गया. ऐसे में इससे बचने का सबसे बेहतर उपाय यही है कि 55 साल के बाद हर दो साल में प्रोस्टेट कैंसर की एक बार अवश्य स्क्रीनिंग करा लें. अगर पहले पता चल गया तो इसका 100 फीसदी पता चल जाता है. अगर आपके परिवार में पहले से किसी को प्रोस्टेट कैंसर है तो उन्हें 45 साल की उम्र से ही स्क्रीनिंग शुरू करवा देनी चाहिए.

कितने दिनों तक जीने की संभावन
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ड्यूक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर जड मॉल कहते हैं कि एडवांस स्टेज वाले प्रोस्टेट कैंसर में भी मरीज 5 से 10 साल या उससे ज्यादा समय तक जी सकते हैं. जो बाइडेन के केस में हो सकता है कि उनकी कुदरती तौर पर ही मृत्यु हो, इस प्रोस्टेट कैंसर की वजह से न हो. डॉ.मॉल ने कहा कि इस तरह की बीमारी अब आम हो गई है और इलाज के जरिए जीवन की गुणवत्ता और समय दोनों को बेहतर किया जा सकता है. हाल के वर्षों में इलाज और जांच के तरीकों में काफी सुधार हुआ है, जिसकी वजह से अब ऐसे मरीजों की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हो गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में प्रोस्टेट कैंसर विशेषज्ञ डॉ. डैनियल लिन का कहना है कि अब मरीजों की ज़िंदगी महीनों में नहीं, बल्कि सालों में मापी जाती है. उधर ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ.जड मॉल ने कहा कि जिन पुरुषों के कैंसर हड्डियों तक फैल चुका होता है, वे 5, 7 या 10 साल या उससे ज्यादा दिन भी जीवित रह सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बाइडेन की उम्र को देखते हुए संभव है कि वे कुदरती कारणों से ही मृत्यु को प्राप्त हों, न कि प्रोस्टेट कैंसर से.

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