Home Life Style जो ‘सोनम’, ‘Honor’ के चक्‍कर में अपने प्रेमी से ‘बेवफा’ होती रही, वो क्‍यों हो रही है ‘राजा’ की Killing पर उतारूं…?

जो ‘सोनम’, ‘Honor’ के चक्‍कर में अपने प्रेमी से ‘बेवफा’ होती रही, वो क्‍यों हो रही है ‘राजा’ की Killing पर उतारूं…?

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जो ‘सोनम’, ‘Honor’ के चक्‍कर में अपने प्रेमी से ‘बेवफा’ होती रही, वो क्‍यों हो रही है ‘राजा’ की Killing पर उतारूं…?

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Sonam Raghuwanshi News: राजा रघुवंशी से 11 मई को शादी कर, सोनम से सोनम रघुवंशी बनी एक लड़की ऐसा साज‍िश रच गई है, ज‍िसपर भरोसा करना ही मुश्किल हो रहा है. क‍िसी फिल्‍मी कहानी के सबसे फेवरेट प्‍लॉट जैसी ये कहानी ज‍िसमें एक सुपरह‍िट कहानी के सारे प्‍लॉट हैं. इस कहानी में पति है, पत्‍नी है, प्रेमी है, हनीमून है और मर्डर है. लोगों को इससे जुड़ी हर ड‍िटेल पढ़ने में खूब मजा आ रहा है और सोशल मीड‍िया पर तो ‘बेरोजगार मीमर्स’ को नया प्रोजेक्‍ट म‍िल गया है. हालांकि इस सारे ‘मनोहर कहान‍ियों’ वाली मजा लेने वाली प्रवृति के बीच हम ये भूल गए हैं कि मृत पाया गया युवक क‍िसी कहानी का पात्र नहीं, एक हंसता-खेलता ज‍िंदा इंसान था. इस कहानी में लोगों की कोर्ट में ‘सबसे बड़ी मास्‍टरमाइंड’ और ‘हत्‍यार‍िन’ साबित हो चुकी सोनम अब भी बस एक ‘आरोपी’ है, ‘अपराधी’ नहीं. पर इतनी पेचीदगी में कौन जाए… एक बेचारे पति की खूनी पत्‍नी, हनीमून और मर्डर, बस इतना बहुत है.

क्‍या जरूरत थी हत्‍या की? सच बता देती… 

कंगना रनौत से लेकर खुद राजा रघुवंशी की बहन तक, कई लोग बार-बार ये सवाल कर रहे हैं, ‘शादी नहीं करनी थी तो मना कर देती, मर्डर करने की क्‍या जरूरत थी?’ दरअसल यही इस कहानी का असली सवाल भी है. क्‍या जरूरत थी हत्‍या की? क्‍या अपने ही परिवार के सामने अपने प्रेम को जाह‍िर करना मह‍िलाओं के ल‍िए क्‍या सच में इतना मुश्किल होता है…? अगर ये सवाल आप 2 बार अपने आप से पूछेंगे तो शायद एक जवाब जरूर आएगा, ‘हां, होता तो है.’ प‍िछले कुछ महीनों में ऐसे एक-दो नहीं कई केस सामने आए हैं, ज‍िनमें मह‍िलाओं ने अपने पति की हत्‍या की है और वजह रहा है प्रेम.

सोनम रघुवंशी और मुस्कान रस्तोगी.
लेकिन एक-दो साल को छोड़ दें तो कई सालों तक हमने अखबारों में, टीवी में ऐसे ‘ऑनर क‍िल‍िंग’ की कहान‍ियां पढ़ी हैं, ज‍ब लड़क‍ियों को ‘सम्‍मान’ के चक्‍कर में मौत के घाट उतारा गया है. एक समय तो ऑनर क‍िल‍िंग जैसे ट्रेंड बन गया था. सालों तक प्रेम में पड़ी ये लड़क‍ियां जब अपने पर‍िवार को चुन प्रेमी से नाता तोड़ती थीं, तो उन्‍हें ‘बेवफा’ कहकर सम्‍मान द‍िया जाता था. लेकिन वही लड़क‍ियां, प्रेम के मार्ग पर चल ज‍िंदगी भर का साथ चुनती थीं तो इन्‍हें पर‍िवार ‘सम्‍मान’ के नाम पर मार डालता था. पर ये कहान‍ियां इतना आम थीं कि अखबार में 2-3 द‍िन की खबर या टीवी चैनलों पर 1 घंटे के पैकेज के बाद स‍िमट गईं.

राजा रघुवंशी केस में चौंकाने वाला खुलासा.

सोनम को म‍िले खौफनाक सजा

धीरे-धीरे समाज की बदलती करवटें जैसे हर इलाके में द‍िखी हैं, प्रेम और पर‍िवार के बीच झूलती लड़क‍ियों के अंदर का ये घ‍िनौना रूप भी इससे अछूता नहीं रहा है. चाहे मुस्‍कान का नीला ड्रम हो या फिर सोनम (आरोपी) का मेघालय हनीमून, मह‍िलाओं का इस कदर क्रूर होना डरावना है. दरअसल क्रूरता, ह‍िंसा और क‍िसी भी न‍िर्दोष को मारना इस दुनिया की क‍िसी भी भाषा में इसे सही नहीं ठहराया जा सकता. इस अपराध में सोनम के आरोपी साबित होने पर उसे इतनी कड़ी सजा म‍िलनी चाहिए, ताकि अगली बार कोई ऐसा खौफनाक रास्‍ता न चुने. पर दुखद है कि समाज की चिंताएं एक तरफ झुकाव ल‍िए हुए क्‍यों हैं? सोशल मीड‍िया पर आपको कई तरह की बातें सुनने-पढ़ने को म‍िल रही हैं. जैसे ‘… इसील‍िए औरतों को पढ़ाया-ल‍िखाया नहीं जाता था, या इसील‍िए पहले के जमाने में औरतों को मारापीटा जाता था, ताकि वो घर में रहें.’ कुछ ने तो सोशल मीड‍िया में ल‍िखा, ‘अब तो लड़कों को अरेंज मैरेज से डर लगने लगा है…’

सोनम रघुवंशी की प्रेग्नेंसी मेडिकल रिपोर्ट ने उलझन बढ़ा दी है.

अगर यही लॉज‍िक काम करता है तो मह‍िलाओं का तो सद‍ियों पहले शादी से, परिवार से, अकेले कमरों में चाचा-ताउओं के साथ बैठने से डर लगना शुरू हो जाना चाहिए था. पर ऐसा नहीं हुआ, क्‍योंकि मह‍िलाओं पर हुए अत्‍याचारों को कभी सामाज‍िक परेशानी के तौर पर सीरियस्‍ली ल‍िया ही नहीं गया. मह‍िला को मारा जाता है, ये उसके घर का मामला है. पर अगर पुरुष को प्रताड़‍ित क‍िया जाए, मारापीटा जाए तो अब पूरा समाज खतरे में है.

असल में ये मुद्दा मह‍िला-पुरुष का कभी था ही नहीं. ये मामला शोष‍ित और शोषक वर्ग का है – पर अक्‍सर शोषक वर्ग जब एक ही ल‍िंग होता है तो ये समाज का चेहरा द‍िखाता है. सवाल है कि आखिर ऐसा क्‍या हुआ कि पति को ‘परमेश्‍वर’ मानने वाली संस्‍कृति में ओत-प्रोत रहीं ये औरतें अचानक उनकी जान की दुश्मन हो गई हैं? मह‍िलाओं में बढ़ती बर्बता पर मुंबई के प्रस‍िद्ध र‍िलेशनश‍िप, सेक्‍शुअल और मेंटल हेल्‍थ एक्‍सपर्ट डॉ. सागर मुंदड़ा ने News18 Hindi ड‍िज‍िटल से खासबाचीत की थी. वो कहते हैं, ‘इस तरह की घटनाएं एक द‍िन का परिणाम नहीं है, बल्‍कि इसके पीछे लंबे समय का सामाज‍िक बदलाव और कई कारण हैं. मह‍िला हों या पुरुष नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी आपको सभी में नजर आ जाएगी. वहीं सोशल मीडिया एक बड़ी वजह है क्‍योंकि यहां सही या गलत कुछ नहीं है, बल्‍कि वो द‍िखाता है ‘जो आप देखना चाहते हैं.’ ये जादू नहीं, बल्‍कि सोशल मीड‍िया एल्‍गोर‍िदम है. ऐसे में अगर आपके मन में एक बार ख्‍याल आता है कि आपके साथ अत्‍याचार हो रहा है, या आप शोषि‍त हैं तो सोशल मीड‍िया आपको भर-भरकर आपको ऐसा कंटेंट द‍िखाएगा, जो साबित कर देगा कि आप पीड़‍ित हैं और अब जो भी कदम इस शोषण के ख‍िलाफ उठाएंगे, वो सही है.

सोनम रघुवंशी को लेकर मेघालय पुलिस बिहार लेकर पहुंची हुी है.

हत्‍या एक अपराध है, वो भी जघन्‍य अपराध. लेकिन इसकी जघन्‍यता मरने वाले के जेंडर से न तो कम होती है और न ज्‍यादा… और हां, आरोपी सोनम की इन खबरों के बीच गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक शव म‍िला है. नहर किनारे एक सूटकेस में युवती का शव बरामद हुआ है. खबर है कि बलात्‍कार के बाद लड़की की हत्‍या हुई है. पर ये एक साधारण क्राइम की न्‍यूज है. इससे समाज को कोई बड़ा खतरा नहीं है.

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