Monday, July 8, 2024
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जौनपुर में आईएएस Vs माफिया का होगा मुकाबला? अभिषेक सिंह के इस्तीफे से क्यों चर्चा में आए धनंजय सिंह


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यूपी के चर्चित आईएएस अभिषेक सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ महीनों से उनके राजनीति में एंट्री की अटकलें लग रही थीं। जौनपुर में भव्य गणेशोत्सव के आयोजन को भी इससे जोड़ा गया था। अब उनके इस्तीफे से लोकसभा चुनाव में उतरने की चर्चा तेज हो गई है। सीट भी लगभग तय मानी जा रही है। अभिषेक सिंह जौनपुर के रहने वाले हैं और यहीं से उनके ताल ठोकने की चर्चा गर्म है। अगर ऐसा होता है तो जौनपुर का चुनाव बेहद रोचक हो जाएगा। जौनपुर से फिलहाल बसपा के श्याम सिंह यादव सांसद हैं। यहां से पूर्व सांसद माफिया धनंजय सिंह के भी उतरने की पूरी संभावना है। धनंजय सिंह नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से टिकट की जोर आजमाइश कर रहे हैं। अगर अभिषेक और धनंजय दोनों मैदान में आ गए तो लड़ाई आईएएस और माफिया के बीच हो जाएगी। यहीं नहीं, दो राजपूतों की लड़ाई भी देखने को मिलेगी। ऐसे में कोई तीसरा भी बाजी मार सकता है।

आईएएस से इस्तीफा देने वाले अभिषेक सिंह के पिता भी आईपीएस रहे हैं। उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल भी आईएएस हैं और इस समय बांदा में डीएम की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। अभिषेक सिंह पिछले साल गुजरात चुनाव में प्रेक्षक बनाए जाने और अपनी ही फोटो वायरल करने के बाद ज्यादा चर्चा में आए। उन्हें प्रेक्षक के पद से हटाते हुए वापस यूपी भेज दिया गया था।

यूपी आने के बाद उन्होंने ज्वाइन ही नहीं किया। उन्हें निलंबित कर दिया गया और मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश मिला। इसके बाद भी उन्होंने आदेश मानने की जगह वह सब कुछ किया जो उन्हें पसंद था। वेबसीरीज और फिल्मों में हाथ आजमाया। बालीवुड की हस्तियों के साथ उनकी तमाम तस्वीरें वायरल हुईं। 

इसी बीच पिछले महीने जौनपुर में पहली बार भव्य गणेशोत्सव कराने और बालीवुड की हस्तियों को बुलाकर सांस्कृतिक आयोजन का ऐलान कर दिया। इस ऐलान के बाद ही तय हो गया कि वह अगले लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। मीडिया ने इस बारे में उनसे पूछा भी और उन्होंने इनकार नहीं किया। ऐसे में साफ हो गया कि अगले चुनाव में वह उतरने वाले हैं। अब अचानक इस्तीफा देकर अपनी मंशा को अभिषेक सिंह ने साफ कर दिया है। अभिषेक सिंह की तरफ से अगले कदम को लेकर आधिकारिक बयान तो नहीं आया है लेकिन उनके करीबी चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

अभिषेक के बुलाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी पहुंचे

अभी यह साफ नहीं है कि अभिषेक सिंह लोकसभा चुनाव में किस दल से उतरेंगे। लेकिन भाजपा नेताओं से उनके रिश्ते जगजाहिर हैं। जौनपुर के गणेशोत्सव में फिल्मी हस्तियों के साथ ही अभिषेक सिंह के बुलावे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी पहुंचे थे। अगर अभिषेक सिंह भाजपा से टिकट के दावेदार होते हैं तो जौनपुर से केपी सिंह के साथ ही पहला मुकाबला उन्हें करना होगा।

इस समय बसपा के श्याम सिंह यादव जौनपुर के सांसद हैं। श्याम सिंह यादव ने पिछले दिनों अमित शाह और नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। उनकी मुलाकात के कई मायने निकाले जाने लगे थे। अगले चुनाव में बसपा की जगह भाजपा पाले में आने की भी चर्चा होने लगी थी। ऐसे में जौनपुर से भाजपा के तीन-तीन दावेदार हो जाएंगे।

धनंजय सिंह से क्यों रोचक होगा आईएएस अभिषेक का मुकाबला

जिस तरह आईएएस अभिषेक सिंह का नाता विवादों से रहा और फिल्मों में एक्टिंग का उन्हें शौक है। उसी तरह धनंजय सिंह का पूरा जीवन ही विवादों और किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। धनंजय सिंह का परिवार वैसे तो कोलकाता का है लेकिन बहुत पहले यूपी के जौनपुर आ गया था। जौनपुर में 1990 में महर्षि विद्या मंदिर के एक शिक्षक गोविंद उनियाल की हत्या हो गई। धनंजय उस समय हाईस्कूल में थे। मर्डर में धनंजय का नाम आया लेकिन पुलिस आरोप साबित नहीं कर पाई। 

इसी हत्याकांड के बाद धनंजय पर आपराधिक मामलों से जुड़े आरोप लगने शुरू हो गए। दो साल बाद ही 1992 में यहां के टीडी कॉलेज से बोर्ड की परीक्षा दे रहे एक युवक की हत्या का आरोप धनंजय पर लगा। पुलिस हिरासत में ही धनंजय को परीक्षा देनी पड़ी। धनंजय सिंह लखनऊ यूनिवर्सिटी में पहुंचे तो छात्र राजनीति में पूर्वांचल के ठाकुरों के गुट अचानक सक्रिय हो गए। इनका वर्चस्व बढ़ता चला गया। धनंजय सिंह के साथ अभय सिंह, बबलू सिंह और दयाशंकर सिंह आदि ने गुट बनाया और वर्चस्व कायम हो गया। फिर ठेकेदारी में हाथ आजमाया। वहां से एक के बाद एक कई हत्याओं में उनका नाम जुड़ता गया।

धनंजय इनामी हो गए। भदोही में हुए एक एनकाउंटर में उनके मारे जाने की भी पुलिस ने पुष्टि कर दी। लेकिन कुछ साल बाद ही वह जिंदा दिखाई दिए। इसके बाद राजनीति में हाथ आजमाया। पहले जौनपुर की रारी सीट से विधायक फिर जौनपुर से ही सांसद बने। इस समय उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।



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