Friday, December 20, 2024
Google search engine
HomeNational'ज्ञानवापी का धार्मिक चरित्र तो देखना होगा': सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ...

‘ज्ञानवापी का धार्मिक चरित्र तो देखना होगा’: सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर कहा, अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को


नई दिल्ली. ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्ष (अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी) की तरफ से हुजैफा अहमदी ने कहा कि मुख्य याचिका मेंटेनेबिलिटी की है, अगर ये मेंटेनेबिल नहीं रहा तो बाकी की याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. शीर्ष अदालत ज्ञानवापी मामले में दाखिल कुल तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

हुजैफा अहमदी ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि सुनवाई टाल दी जाए किसी रेगुलर मैटर वाले दिन सुनवाई की जाए क्योंकि आज का कोर्ट का वक्त समाप्त हो रहा है. सुनवाई के दौरान प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर भी बहस हुई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.

सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष के वकील से कहा कि आप कह रहे हैं कि ये मामला 1992 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की वजह से नहीं सुना जा सकता, लेकिन उसका धार्मिक चरित्र क्या था ये तो देखना होगा. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हिन्दू पक्ष ने खुद ही कहा है कि वो मस्जिद थी, लेकिन हिन्दू पक्ष ने इससे इनकार दिया और कहा कि उसने ऐसा नहीं कहा है. फिर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई को 16 अक्टूबर तक के लिए टाल दी.

Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Mosque, Supreme Court



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments