नई दिल्ली:
वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया गया, जिसके बाद तहखाने में पूजा शुरू कर दी गई. पूजा-पाठ का मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध किया था. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद कोर्ट में चुनौती दी है और पूजा पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार सुबह 10 बजे अपना फैसला सुनाएगा.
पांच दिनों तक लंबी बहस चली
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ आज इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. दोनों पक्षों के बीच चली लंबी बहस के बाद कोर्ट ने 15 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पांच कार्य दिवसों तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन और विष्णु शंकर जैन ने दलीलें दी थीं, जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील सैयद फरमान अहमद नकवी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत गुप्ता ने पक्ष को रखा था. वहीं, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की और वकील विनीत संकल्प ने अपनी ओर से दलीलें पेश की थी.
31 जनवरी से पूजा शुरू हो रही है
मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा की इजाजत देने के जिला जज वाराणसी के फैसले को चुनौती दी है. जिला जज ने 31 जनवरी को बेसमेंट में पूजा शुरू करने का आदेश दिया था. तब से मस्जिद में पूजा शुरू हो गई है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है.