हाइलाइट्स
ज्यादा पसीना आने का मतलब है कि आपने शुगर लेवल को सही से नियंत्रित नहीं किया है.
हेल्दी भोजन और गतिशील लाइफस्टाइल डायबिटीज प्रबंधन के लिए जरूरी है.
Excessive Sweating and Diabetes: डायबिटीज पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. इसके साथ ही करीब 15 लाख लोगों की मौत हर साल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज के कारण होती है. इससे बड़ी चिंता की बात यह है कि विश्व में कुल डायबिटीज मरीजों में 17 प्रतिशत मरीज भारत में हैं. यानी भारत में 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2045 तक 13.5 करोड़ लोग डायबेटिक होंगे. यही कारण है कि भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा. डायबिटीज के लक्षणों में पसीना आना वैसे तो शामिल नहीं है लेकिन डायबिटीज के बाद पसीने की समस्या कई मरीजों में देखी जाती है.
डायबिटीज में शरीर में कुदरती तापमान को बनाए रखने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. इससे व्यक्ति को बार-बार चक्कर आता है और रात में पसीना भी आ सकता है. हालांकि यह चिंता की बात है. इसका मतलब है कि डायबिटीज का नियंत्रण सही से नहीं हुआ है.
क्यों आता है ज्यादा पसीना
वेरीवेलहेल्थ वेबसाइट के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों में ज्यादा पसीना तब आता है जब ब्लड शुगर संतुलित नहीं होता है. हालांकि हर इंसान को पसीना आता है. बहुत कम ही ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें पसीना नहीं आता हो. डायबेटिक न्यूरोपैथी में पैर या जांघ में कुछ लोगों को पसीना आता है. एक रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित लगभग 84 प्रतिशत लोगों को ज्यादा पसीना आता है. खासकर गर्दन के नीचे. इसकी मुख्य वजह यह है कि खून में ब्लड शुगर की मात्रा कम हो गई है. दरअसल, डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कम करने के लिए दवा लेते हैं. दवा लेने के कारण शुगर का बहुत तेजी से अवशोषण होने लगता है. दूसरी ओर डायबिटीज के कारण मीठा खाना एकदम छोड़ देते हैं. यही कारण है कि शरीर में तेजी के साथ शुगर या ग्लूकोज की कमी होने लगती है. जब ग्लूकोज की कमी होती है तो शरीर में ज्यादा पसीना आता है. हालांकि खाने-पीने के बाद जब शुगर लेवल थोड़ा बढ़ता है तो फिर स्थिति सही हो जाती है. इसके अलावा भी पसीना आने के बहुत से कारण हैं.
डायबिटीज को कैसे नियंत्रित करें
चूंकि रात में ज्यादा पसीना आने का मतलब है कि आपने शुगर लेवल को सही से नियंत्रित नहीं किया है. इसलिए हर हाल में शुगर लेवल को नियंत्रित करना होगा. इसलिए इसी समय से लाइफस्टाइल और खान-पान में परिवर्तन करना होगा. सबसे पहले वजन को नियंत्रित करना चाहिए. डाइट में परिवर्तन लाकर ऐसा आसानी से किया जा सकता है. एक्सरसाइज ऐसी गतिविधि है जिससे न केवल डायबिटीज बल्कि हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और कैंसर तक के जोखिम को कम किया जा सकता है. जितना ज्यादा हो सके फाइबरयुक्त सब्जियों का सेवन करें. साग, हरी पत्तीदार सब्जियों को नियमित रूप से डाइट में शामिल करें. स्ट्रॉबेरी, जामुन, सलाद, पत्ता गोभी, गाजर, अजवाइन आदि का सेवन डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है. कुल मिलाकर हेल्दी भोजन और गतिशील लाइफस्टाइल डायबिटीज प्रबंधन के लिए जरूरी है.
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Tags: Blood Sugar, Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : February 08, 2023, 06:00 IST