शिखा श्रेया/रांची. अभी सावन का महीना चल रहा है, इसलिए नॉनवेज खानेवालों को थोड़ा सब्र करना पड़ रहा है. पर आज हम आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने वाले हैं, जिसको खाकर आप स्वाद की अनोखी दुनिया में पहुंच जाएंगे. कहते हैं यह सब्जी नॉनवेज के स्वाद को भी टक्कर देती है. इस सफेद सब्जी का नाम है बांस तिरिल. इसे कई लोग बंसकरैल या संधना भी कहते हैं.
यह बांस तिरिल झारखंड की राजधानी रांची की सड़कों पर खासकर कचहरी रोड पर अक्सर देखने को मिलती है. रस्सी के रेशे जैसी छोटे-छोटे आकार और सफेद रंग की इस सब्जी की खुशबू बाकी सब्जियों से अलग है. लेकिन सरसों के मसाले में अगर इसकी सब्जी बनाई गई तो इसका स्वाद आपको मछली की याद दिला देगा. खास बात यह है कि इसे बनाने में मेहनत बिल्कुल नहीं लगती.
बांस के पेड़ों से मिलाता है बांस तिरिल
कचहरी रोड के किनारे सब्जी बेचते हुए श्वेता बताती हैं कि यह हम तुपुदाना बाजार से लाते हैं. तुपुदाना बाजार में खूंटी के जंगलों से महिलाएं इसे लाती हैं. बांस के नए पौधों के बढ़ने की मौसम में यह मिलता है. यह सीधे बांस की तरह होता है व इसकी लंबाई 6-7 इंच तक होती है.
बंसकरैल का अंचार और भुजिया
श्वेता बताती हैं कि यह सब्जी अक्सर हमारे आदिवासी समुदाय में सावन के महीने में बड़े चाव के साथ खाई जाती है. हालांकि, इसे आदिवासी समाज के अलावा भी बाकी लोग पसंद करते हैं. बंसकरैल की भुजिया और इसका अंचार बहुत ही स्वादिष्ट होता है.
फूड रेसिपी
श्वेता बताती हैं कि इस सब्जी में अधिक तेल-मसाला नहीं पड़ता और न ही इससे अधिक भूनना पड़ता है. इस सब्जी में कम से कम मसालों का प्रयोग होता है. पहले इसे पानी में अच्छे से धोने के बाद हल्के तेल में जीरा या राई का छौक लगाकर हल्की आंच में 10 मिनट के लिए भूनें. फिर हल्दी, नमक, धनिया पाउडर, अदरक लहसुन का पेस्ट डालकर 15 मिनट तक अच्छे से पकने दें, बस इसके बाद तैयार है बंसकरैल की भुजिया. अगर आप इसकी सब्जी बनाना चाहते हैं तो सरसों के मसाले में बनाएं.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2023, 10:04 IST