Wednesday, December 25, 2024
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झोपड़ी में दुकान लेकिन ऊंचा पकवान! कुरकुरी जलेबी खाने सूट बूट वाले आते है यहां


राजकुमार सिंह/वैशाली. मीठे का नाम सुनते ही लोग की जुबान पर रसगुल्ला, पेड़ा, कलाकंद आदि का नाम आता हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि वैशाली जिले की एक दुकान में सबसे अधिक जलेबी की बिक्री होती है. इसका कारण है यहां की जलेबी, कुरकुरे और मुंह में जाते ही घुल जाने वाली होती है. ऐसे में अगर आप भी कुरकुरे जलेबी खाने की चाहत रखते हैं, तो महानार प्रखंड के लावापुर आइए. यहां के अजय कुमार के हाथ की बनी जिलेवी खाने के बाद आप दूसरे जगह की जलेबी खाना ही भूल जाएंगे.

लावापुर गांव के रहने वाले अजय कुमार करीब 10 साल से जलेबी बनाने का काम करते हैं. दुकान भले ही उनकी छोटी सी है, लेकिन जलेबी खाने बड़े से बड़े लोग यहां आते हैं. यही कारण है कि वे हर दिन लगभग 80 kg जलेबी बेच लेते हैं.अजय बताते हैं कि उनकी दुकान पर सुबह के 10 बजे से रात के 8 बजे तक जलेबी खाने वाले और घर ले जाने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है. अजय अपनी दुकान पर गरमा गर्म जलेबी बनाते हैं और ग्राहकों को परोसते हैं. वैशाली से महनार होकर समस्तीपुर जाने वाली सड़क पर उनकी दुकान है.

पिता से सीखा जलेबी बनाने का गुर
अजय बताते हैं कि पहले से उनके पिताजी चाय और समोसे की दुकान चलाते थे. इस दुकान पर वह भी कभी-कभी जलेबी बना लिया करते थे. इस दौरान वे देखते थे कि पिताजी की दुकान पर जितने ग्राहक आते थे, उनमें से अधिकांश लोग जलेबी खाने आते थे. इसके बाद अजय ने भी जलेबी बनाना शुरू कर दिया. आज भी उनकी दुकान पर जलेबी की बिक्री ही अधिक होती है. प्रतिदिन 80 किलो से अधिक की जलेबी की बिक्री हो जाती है. 1 किलो जलेबी की कीमत 110 रुपये है. अजय की माने तो जो भी ग्राहक एक बार उनकी दुकान का जलेबी खाकर जाते हैं, वह दोबारा जरूर आते हैं. अच्छी खासी बिक्री होने के कारण वे प्रतिदिन जलेबी बेचकर ढाई हजार रुपए कमा लेते हैं.

Tags: Bihar News, Food, Food 18, Local18, Vaishali news



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