हाइलाइट्स
बीते रविवार को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए पांच लोगों के साथ रवाना हुई थी पनडुब्बी.
पनडुब्बी में केवल 70 घंटे तक का ऑक्सीजन बना हुआ है. इसके चलते लोगों की जान खतरे में है.
नई दिल्ली. समंदर में डुबे हुए टाइटैनिक का मलबा देखना पनडुब्बी में सवार लोगों को भारी पड़ गया है. पनडुब्बी जब से लोगों को लेकर पानी के अंदर गई है, तब से उसकी खोज-खबर नहीं मिल रही है. वहीं सर्चिंग टीम पनडुब्बी की तलाश में जुटी हुई है. हालांकि टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लापता पनडुब्बी में ऑक्सीजन कम होता जा रहा है, जिसके चलते उसमें सवार लोगों की जान खतरे में पड़ी हुई है. दरअसल, अटलांटिक महासागर की गहराइयों में डूबे टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी रविवार से ही लापता है. सर्चिंग टीम उस पनडुब्बी को तलाश रहे हैं, जो पर्यटकों को लेकर दुनिया के सबसे चर्चित जहाजों में से एक टाइटैनिक के मलबे को देखने निकली थी.
रविवार से ही पनडुब्बी का टूट गया है संपर्क
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते रविवार को डुबकी लगाने वाली इस पनडुब्बी से संपर्क टूट गया था और तब से ही इसे खोजने की कोशिश की जा रही है. यूएस कोस्ट गार्ड के मुताबिक डुबकी लगाने के एक घंटा 45 मिनट बाद इस पनडुब्बी से संपर्क टूट गया था. कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि पनडुब्बी को खोजने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. सरकारी एजेंसियां, अमेरिका और कनाडा की नेवी फोर्स और व्यवसायिक रूप से समंदर की गहराई में जाने वाली कंपनियां इस खोज अभियान में जुटी हुई हैं.
एंटलांटिक महासागर में हैं टाइटैनिक का मलबा
बता दें कि टाइटैनिक का मलबा उत्तरी अमेरिका के समंदर के सबसे करीबी बिंदू कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के सैंट जॉन्स से 700 किलोमीटर दूर एटलाइंटिक महासागर में है. इस पनडुब्बी में कुल पांच लोग सवार हैं. बीते सोमवार को अमेरिकी कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘हम अनुमान लगा रहे हैं कि पनडुब्बी को खोजने के लिए हमारे पर 70 घंटों से लेकर 96 घंटों तक का समय है. इस लापता पनडुब्बी में ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी हामिश हार्डिंग भी हैं.
साल 1912 में टाइटैनिक के साथ हुआ था भीषण हादसा
उनके परिवार ने दावा किया है कि वो भी इस पनडुब्बी पर सवार हैं. पिछले ही हफ्ते हार्डिंग ने इससे संबंधित पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि मुझे ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि मैं टाइटैनिक के मलबे तक जाने वाले अभियान का हिस्सा हूं. बता दें कि साल 1912 में ब्रिटेन से अमेरिका जा रहा टाइटैनिक रास्ते में एक आइसबर्ग से टकरा गया था. इस जहाज पर कुल 2200 लोग सवार थे, जिनमें से लगभग 1500 लोग मारे गए थे. साल 1985 में टाइटैनिक जहाज का मलबा मिला था और तब से ही इस मलबे को देखने के लिए खोजी अभियान जाते रहते हैं.
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Tags: America
FIRST PUBLISHED : June 20, 2023, 12:39 IST