रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. खान-पान और लापरवाही के कारण दांतों में तकलीफ की समस्या अब आम हो चुकी है. दांत में पायरिया होना, दांतों का पीला पड़ना, सेंसिटिविटी होना, कम उम्र में दांतों का टूट जाना, घर-घर की कहानी होती जा रही है. लेकिन, जीवन शैली में थोड़ा बदलाव करके इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसमें पुराने समय के नुस्खे काफी कारगर हैं.
हजारीबाग के महेश सोनी चौक गोला रोड में स्थित पतंजलि चिकित्सालय के डॉ. जितेंद्र उपाध्याय बताते हैं कि दांत के रोग अब बेहद सामान्य हो चुके हैं. हर 10 में से दो लोग दांत के किसी न किसी रोग से परेशान हैं. पुराने समय में यह रोग बहुत कम देखने को मिलते थे. लेकिन, धीरे-धीरे इनके मरीजों में इजाफा हो रहा है. इसके पीछे का मुख्य कारण दांत साफ करने के लिए दातुन का इस्तेमाल नहीं करना है.
दातुन एक फायदे अनेक
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि पूर्व में लोग दातुन का इस्तेमाल करते थे. दातुन के कई फायदे हैं. सुबह दातुन का इस्तेमाल करने से दांतों और मसूड़ों की कसरत हो जाती है, जिससे वह मजबूत होते हैं. साथ ही पेड़ की दातुन में रोग नष्ट करने की क्षमता होती है. दातुन करते समय मुंह में फैले बैक्टीरिया मर जाते हैं. आयुर्वेद में कारोंज, सखुआ और नीम की दातुन को सबसे उपयुक्त माना गया है.
टूथपेस्ट की जगह इस चीज का करें इस्तेमाल
आगे बताया कि बाजारों में मिलने वाले पेस्ट में कई प्रकार के हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं. इसके बजाय अगर हम घर में बने पेस्ट का इस्तेमाल करें तो दांतों की सफाई के साथ-साथ उनमें मजबूती भी आएगी. इसके लिए हल्दी, सरसों तेल और नमक को एक बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट तैयार कर सकते हैं. इससे मंजन करने पर दांत मजबूत भी होंगे और चमक भी आएगी.
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FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 21:04 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.