शशिकांत ओझा/ पलामू. ठंड के दिनों में कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ठंड का मौसम चल रहा है.ऐसे में लोगों को सतर्क बरतने की बेहद जरूरी है. हृदय रोग की समस्या से बचाव के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे की आखिर हार्ट अटैक ठंड के दिनों में क्यों होता है.और इससे बचाव के उपाय.कार्डियोलॉजिस्ट डॉ० पंकज प्रभात ने लोकल18 को बताया की ठंड के दिनों में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
इसका मुख्य कारण है की बढ़ते ठंड की वजह से शरीर के नसे सिकुड़ने लगता है.जिससे रक्त प्रवाह में असमय होती है.और बी पी.बढ़ने लगता है. बी पी बढ़ने से सियर स्ट्रेस के फटने की संभावना बढ़ जाता है.वहीं नस में रक्त के थक्के जमाने लगाते है और हार्ट का नली 100% ब्लॉक हो जाता है.जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.जिसका समय पर इलाज न हो तो लोग अपने जान भी गंवा सकते है.
बीपी और शुगर पेसेंट को समय पर दवा लेने की जरूरत
• वहीं, बढ़ते ठंड को देखते हुए पूरे बदन को ढके रहे. ताकि पूरा शरीर गर्म रहे. समय समय पर पानी पीते रहे ताकि रक्त का थक्का न जमे.
•ठंड के दिनों में खून के गाढ़ा होने से बचा जा सके.इसके लिए पानी पीते रहना बेहद जरूरी है.वहीं दूसरे जो लोग बी पी पसेंट है या शुगर मरीज अपने समय पर सारी दवा लेते रहे.पूरे बदन को ढके रहे.
•पानी पीना बेहद जरूरी है.ताकि रक्त गाढ़ा न हो.वहीं तीसरे आम लोग जिन्हे किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है.लेकिन हवा प्रदूषण की वजह से हृदय पर बेहद असर होता है.लोगों को पूरे बदन को ढक कर चलना चाहिए.ठंड के दिनों में सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक और वर्कआउट के बजाय सूरज निकलने या शाम को करने की जरूरत है.ठंड के माहौल से दूर रहे. मोटापा न बढ़ने दें, खाने में ऊपर से नमक ना लें, शरीर का वजन बढ़ने से बचे.
हार्ट अटैक की ऐसे करे पहचान
उन्होंने बताया की लोगों को ठंड के दिनों में बेहद सतर्क रहने की जरूरत है.अगर आपको आचनक सीने में दर्द, गले में दर्द, बाहों में दर्द, खाने खाने के बाद टहलने के दौरान अचानक दर्द, घबराहट लगना ये सब हार्ट अटैक के लक्षण है.इससे बचाव हेतु लोगों को वर्कआउट करने के जरूरत है.लोग घर में योगा कर सकते है.वहीं सप्ताह में 150 मिनट का वर्कआउट जरूर करे.ऐसा करने से हृदय स्वस्थ रहता है.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2023, 15:21 IST