हाइलाइट्स
डाइबिटीज के ज्यादातर मरीज अपनी त्वचा की देखभाल पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं.
गर्म पानी से नहाने या हॉट शॉवर से डाइबिटीज के मरीजों की त्वचा में सूजन आती है.
नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पता लगाया है कि डाइबिटीज आंखों की रोशनी जाने, किडनी फेल होने, हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक समेत कई बीमारियों की जड़ होती है. अब तक डाइबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं खोजा जा सका है. इसके बाद भी कुछ लोग संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम के जरिये टाइप 2 डाइबिटीज को काबू कर लेते हैं. फिर भी ज्यादातर डाइबिटीज के मरीज स्किन केयर को नजरअंदाज कर देते हैं. सर्दियों में डाइबिटीज के मरीजों के सामने बड़ा सवाल होता है कि उन्हें गर्म पानी से किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचेगा? क्या उन्हें इस कड़कड़ाती सर्दी में भी ठंडे पानी से नहाना चाहिए? आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अहम सवालों के जवाब…
डाइबिटीज के ज्यादातर मरीज अपनी त्वचा की देखभाल पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. हालांकि, अगर आप डाइबिटीज के मरीज हैं तो आपको त्वचा के पीलेपन, लालपन, भूरे निशान, त्वचा का फटना, स्किन इंफेक्शंस, त्वचा का काला होनी जैसी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आपको इनमें कोई भी दिक्कत है तो ठिठुरती ठंड में गर्म पानी से नहाने पर गर्माहट का अहसास तो होगा, लेकिन हॉट शॉवर डाइबिटीज के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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गर्म पानी से स्किन में आ जाती है सूजन
सर्दियों में गर्म पानी से नहाने या हॉट शॉवर लेने से डाइबिटीज के मरीजों की त्वचा में सूजन आ जाती है. इससे उनकी त्वचा लाल हो जाती है और उन्हें खुजली महसूस होने लगती है. अगर वो त्वचा को खुजलाते हैं तो स्किन छिलने का डर बना रहता है. ओनलीमायहेल्थडॉटकॉम के मुताबिक, गर्म पानी से नहाने पर स्किन की नमी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है. साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने वाले नेचुरल ऑयल्स, फैट्स और प्रोटींस का प्राकृतिक संतुलन भी गर्म पानी से नहाने के कारण बिगड़ सकता है. डाइबिटीज के मरीजों को उबलते हुए गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए. बेहतर होगा कि वे ताजा पानी से ही नहाएं.
नर्व डैमेज का भी गर्म पानी से है खतरा
अगर आप डाइबिटीज के मरीज हैं और सर्दियों में गर्म पानी वाले जकूज़ी या बाथटब में डुबकी लगाने जा रहे तो आपको नर्व डैमेज का खतरा ज्यादा है. इससे आपके पैरों की गर्म या ठंडे पानी को लेकर संवेदनशीलता घट सकती है. आसान शब्दों में कहें तो आपके पैरों की त्वचा को गर्मी और ठंड का अहसास कम होने लगेगा. वहीं, डाइबिटीज के मरीजों को अहसास होने से पहले ही गर्म पानी में पैर डालने पर छाले पड़ सकते हैं. स्किन से जुड़ी समस्याएं डाइबिटीज के मरीजों में अवसाद और तनाव जैसी स्थितियां पैदा कर सकती हैं.
गर्म पानी से नहाएं तो कैसे करें बचाव?
– डाइबिटीज के मरीजों को पानी की गर्माहट का अनुमान लगाने के लिए सबसे पहले कोहनी को डुबोना चाहिए.
– हॉट शॉवर लेने से पहले शरीर पर मॉइस्चुराइज़र का इस्तेमाल करने से स्किन से जुड़ी दिक्कतों से बच सकते हैं.
– रोज मॉइस्चुराइज़र का इस्तेमाल करने से स्किन के रूखेपन या बहुत ज्यादा ऑयली होने से छुटकारा मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 03, 2023, 15:48 IST