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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में जाना था लेकिन उन्होंने आखिरी समय में अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में शिंदे का कार्यक्रम रद्द किए जाने के पीछे वजह ये बताई जा रही है कि उनके खास दोस्त और विश्वस्त उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस कार्यक्रम के लिए न्योता नहीं मिला था और जब शिंदे को यह पता चला तो उन्होंने भी अयोध्या जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
टीओआई की खबर के मुताबिक, सीएम शिंदे ने अब कहा है कि वह दोनों डिप्टी सीएम, अपने कैबिनेट साथियों और शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी के सभी विधायकों के साथ सभी की सुविधा के अनुसार अयोध्या जाएंगे।
दरअसल, राम मंदिर ट्रस्ट ने चुनाव आयोग द्वारा प्रदान की गई सूची के अनुसार सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों के प्रमुखों को ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया था। इनमें महाराष्ट्र से शिवसेना के प्रमुख के रूप में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, NCP (अजीत गुट) के प्रमुख के रूप में अजीत पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर शामिल थे। चूंकि, देवेंद्र फडणवीस किसी भी पार्टी के प्रमुख नहीं हैं, ऐसे में उन्हें न्योता नहीं मिला था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी वहां गर्भगृह में मौजूद थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया था लेकिन वो नहीं आ सके। इन दोनों नेताओं ने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के परिवार को भी आमंत्रित किया गया था। करीब 8000 लोगों को इस समारोह में न्योता दिया गया था।
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