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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिपरिषद के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से डीपफेक मुद्दे पर भी सावधान रहने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को सलाह दी कि आजकल डीपफेक का जमाना है, जिससे आवाज भी बदल दी जाती है। सतर्क रहने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। पीएम मोदी ने बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। बैठक के दौरान विकसित भारत : 2047′ के लिए दृष्टि पत्र और अगले पांच सालों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर भी मंथन किया गया।
एनडीटीवी के अनुसार, पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान अपने मंत्रियों से लोगों से मुलाकात करते वक्त सावधान रहने की सलाह दी। मंत्रियों से किसी भी विवाद से बचने और डीपफेक से सावधान रहने के लिए कहा गया। सूत्र ने बताया कि मंत्रियों से पीएम मोदी ने कहा, ”कोई भी बयान देने से पहले सावधान रहें। आजकल डीपफेक का ट्रेंड है, जिससे आवाज को भी बदला जा सकता है। ऐसे में इससे सावधान रहें।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की योजनाओं के बारे में बताइए, विवादित बयानों से बचिए।
100 दिवसीय एजेंडे पर भी हुई चर्चा
वहीं, सरकार के सूत्रों ने बताया कि बैठक में, मई में नई सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे के शीघ्र क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है। सूत्रों ने कहा कि इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श तथा युवाओं के सुझावों को समाहित करते हुए सरकार का समग्र दृष्टिकोण शामिल है।
बैठक में कई मंत्रालयों ने व्यक्त किए विचार
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ”विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए। 20 लाख से अधिक युवाओं से सुझाव प्राप्त हुए।” सूत्रों ने कहा कि ‘विकसित भारत’ के लिए रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई राष्ट्रीय दृष्टि, आकांक्षाएं, लक्ष्य और कार्यों के साथ एक व्यापक खाका है। उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जीवन को आसान बनाना, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। बैठक में कई मंत्रालयों ने अपने विचार व्यक्त किए। यह बैठक लोकसभा चुनाव की तारीखों की निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा किए जाने से पहले इस तरह की संभवत: आखिरी बैठक है।