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दिल्ली विश्वविद्यालय अब अशक्त छात्रों की शैक्षणिक जिम्मेदारी के अलावा प्रशासनिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी उठाएगा। डीयू फाउंडेशन के तहत अनाथ छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा और सीट आवंटित करने के अलावा छात्राओं को लैपटॉप, शिक्षिका या अनाश्रित छात्राओं के लिए हॉस्टल में चार कमरे अस्थायी तौर पर आवंटित करने की योजना है।
डीयू फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षा के अलावा अन्य सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी पूर्व छात्रों और शिक्षकों की मदद से पूरा करने जा रहा है। कोशिश है कि धन के अभाव में छात्रों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
उन्होंने बताया कि अनाथ छात्रों के लिए डीयू ने सीटें आरक्षित की हैं। जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की सेवानिवृत्त शिक्षिका डॉ. मंजरी फर्नांडीज ने संपर्क कर अनाश्रित महिलाओं को अस्थायी रूप से शरण देने के लिए अनुरोध किया है। हॉस्टल में चार कमरे बनाएं जाएंगे। उन्होंने इसके लिए 22 लाख का अनुदान दिया है। ज्ञात हो कि डीयू ढाका परिसर में छात्राओं के लिए 161 करोड़ की लागत से छात्रावास का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा 289.61 करोड़ की लगात से दूसरे हॉस्टल का निर्माण हो रहा है। इसमें विद्यार्थियों के लिए एक हजार से अधिक बेड होंगे।
एक हजार लैपटॉप बांटे जाएंगे
मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि डीयू फाउंडेशन सशक्त बेटी योजना ला रहा है। इसके तहत अनाथ बच्चियों और जिन परिवारों की आय छह लाख से कम है तो उनकी बच्चियों को लैपटॉप दिए जाएंगे। पहले चरण में एक हजार लैपटाप देने की योजना है, जिसकी अनुमानित कीमत 5 करोड़ आएगी। इसके लिए पूर्व छात्रों और विभिन्न कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है। इसका बहुत सकारात्मक परिणाम मिल रहा है। उम्मीद है कि धन मिलने पर हम इसे पूरा कर लेंगे। अब तक फाउंडेशन ने एक करोड़ 28 लाख रुपये जुटा लिए हैं।
एंबुलेंस के लिए 28 लाख रुपये मिले
प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आधुनिक एंबुलेंस के लिए 28 लाख रुपये की राशि दी है। जल्द ही फाउंडेशन एंबुलेंस खरीदेगा।