डेंगू ने कानपुर शहर के ब्लड बैंकों में खून का स्टॉक सरप्लस कर दिया है। इसके चलते ब्लड बैंकों ने बिना डोनर ही जरूरतमंद मरीजों को खून की सप्लाई शुरू कर दी है, ताकि स्टॉक में रखे ब्लड को खराब होने से बचाया जा सके। ब्लड यूनिट को एक महीने तक ही सुरक्षित किया जा सकता है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाद अब उर्सला ब्लड बैंक ने भी फ्री में देना शुरू किया है।
दो महीने से डेंगू के प्रकोप के चलते मरीजों के तीमारदार ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स लेने के लिए रक्तदान करते रहे। उन्हें प्लेटलेट्स दिया जाता रहा पर पीआरबीसी (पैक्ड रेड ब्लड सेल) स्टॉक में रखा जाता रहा। इस समय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक के स्टॉक में पीआरबीसी की एक हजार यूनिट से ज्यादा हैं। उर्सला के ब्लड बैंक में भी ब्लड की सात सौ यूनिट स्टॉक जमा हो गई हैं, जबकि ब्लड की रोज की मांग नीचे चली गई है। ऐसे में रोज 25 यूनिट ब्लड हैलट में भर्ती मरीजों को बिना डोनर के दिया जा रहा है। उर्सला ने शुक्रवार को ही 50 यूनिट ब्लड फ्री में इटावा सीएमओ को भेजा है। यही हालत निजी ब्लड बैंकों की भी हो गई है। 18 निजी ब्लड बैंकों में आठ हजार यूनिट का सरप्लस स्टॉक परिचितों को देने के लिए प्रस्ताव दिए जा रहे हैं।
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हेड जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक, प्रो. लुबना खान ने कहा कि रक्तदान बेमकसद न हो, इसलिए भर्ती मरीजों को बिना डोनर के ब्लड देने का क्रम शुरू कर दिया गया है। बी और ओ पॉजिटिव ब्लड का खासा स्टॉक जमा है।
– डेंगू ने ब्लड बैंकों में सरप्लस कर दिया खून, खराब होने के डर से फ्री दे रहे
– प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी तो डोनरों का पीआरबीसी स्टॉक बढ़ गया
– यही हालत निजी ब्लड बैंकों की, आठ हजार यूनिट ब्लड का सरप्लस स्टॉक
उर्सला अस्पताल, सीएमएस, डॉ. शैलेन्द्र तिवारी ने कहा कि पड़ोसी जिलों को फ्री में सप्लाई शुरू कर दी गई है। जरूरतमंदों को भी बिना डोनर ब्लड दिया रहा है ताकि रक्त की एक-एक बूंद का इस्तेमाल किया जा सके। जान बचाना मकसद है।