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देशभर के मेडिकल कॉलेजों में पीजी के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली बहुप्रतीक्षित एमबीबीएस नेक्स्ट (नेशनल एग्जिट टेस्ट) की परीक्षा से पहले चिकित्सा आयोग ने 28 जुलाई को इसका मॉक टेस्ट आयोजित करने का फैसला किया है। एम्स दिल्ली इस इस मॉक परीक्षा का आयोजन करा रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य वर्ग और ओबीसी के लिए 2000 रुपए का शुल्क बेहद ज्यादा है। यह असली परीक्षा नहीं सिर्फ मॉक टेस्ट ही तो है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर डॉक्टरों ने सैंकड़ो ट्वीट किए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छात्र विंग के अध्यक्ष डॉक्टर ध्रुव चौहान ने कहा कि यूपीएससी के लिए 200 रुपए लिए जाते हैं और ये सिर्फ मॉक टेस्ट के लिए दो हजार रुपए के रहे हैं। डॉक्टर अमिनेश गर्ग ने लिखा है कि लगभग चार लाख अभ्यर्थी एमबीबीएस नेक्स्ट परीक्षा देंगे। सरकार इस परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट की फीस क्यों ले रही है।
28 जुलाई को अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पहला मॉक टेस्ट
पहली बार आयोजित होने वाली इस परीक्षा से पहले आयोग देशभर में अंतिम वर्ष में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए मॉक टेस्ट का भी आयोजन कर रही है। इसी साल 28 जुलाई को इस परीक्षा से जुड़े मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। इस मॉक टेस्ट के लिए अंतिम वर्ष के छात्र 28 जून से ही पंजीकरण करा सकते हैं। इस परीक्षा का आवेदन शुल्क सामान्य/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 2,000 रुपये है और एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस आवेदकों के लिए यह 1,000 रुपये है। बेंचमार्क विकलांगता (पीडब्ल्यूबीडी) वाले व्यक्तियों को परीक्षा शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है।
NEET PG की जगह लेगा NExT
दरअसल नेशनल एग्जिट टेस्ट आने वाले समय से मेडिकल कॉलेज के पीजी पाठ्यक्रमों में होने वाली नीट पीजी की जगह लेने का रहा है। यह एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए क्वालिफाईंग परीक्षा के तौर पर आयोजित किया जाएगा। यह एलोपैथिक डॉक्टर के लाइंसेस के लिए भी जरूरी होगा और इसमें प्रदर्शन के आधार पर पीजी के पाठ्यक्रमों में दाखिला दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, नेशनल एग्जिट टेस्ट से ही विदेशों से मेडिकल डिग्री लिए स्नातकों को देश में डॉक्टरी करने की अनुमति दी जाएगी। अभी इनके लिए अलग एफएमजीई परीक्षा होती थी।
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