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Umesh Pal Murder Case: माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद न केवल उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल था, बल्कि उसने फरार शूटर की मदद भी की थी। उमेश पाल की हत्या के दौरान बमबाजी करने वाले गुड्डू मुस्लिम को उसी ने शरण दी थी। मेरठ से डॉ. अखलाक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने रविवार को उसे जेल भेज दिया। उसके मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर फरार शूटरों की तलाश चल रही है। पता चला है कि उमेश पाल की हत्या के बाद तीसरे दिन शूटर मेरठ पहुंचे थे। वे डा. अखलाक के घर पर रुके थे।
पुलिस के अनुसार, उमेश पाल की हत्या के बाद मेरठ से अतीक की बहन आयशा नूरी अशरफ की ससुराल पहुंची थी। पुलिस ने वहां पर छापामारी कर अशरफ की पत्नी जैनब और अतीक की बहन आयशा को गिरफ्तार कर शांति भंग में चालान किया था। इस घटना के बाद अतीक की बहन ने मीडिया से पुलिस के दो आलाधिकारियों पर अपने भाई की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी। पुलिस और एसटीएफ ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि मेरठ में रहने वाला अतीक का बहनोई डॉ. अखलाक पर्दे के पीछे से अतीक गैंग की मदद कर रहा है। उसने शूटरों को संरक्षण भी दिया।
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इसका सबूत मिलते ही शनिवार को धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या और चौकी इंचार्ज प्रीत पांडेय ने मेरठ एसटीएफ की मदद से वहां पर छापमारी करके डॉ. अखलाक को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को धूमनगंज पुलिस उसे प्रयागराज लाई। पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम यहां से मेरठ पहुंचा था। वहीं पर पेशे से डॉ. अखलाक ने उसकी मदद की थी। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने फरार गुड्डू को 50 हजार रुपये भी दिए थे। डॉ. अखलाक जेल में बंद अतीक और अशरफ से भी फोन पर बातचीत करता था। अब पुलिस अखलाक की कॉल डिटेल खंगाल रही है।
अतीक से डॉ. अखलाक की होती थी लंबी बात
दावा किया जा रहा है कि हत्या से पहले और बाद में डॉक्टर अखलाक की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद से लगभग रोजाना बात हुआ करती थी। खुलासा हुआ है कि उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर मेरठ में डॉक्टर अखलाक के घर रुके थे। इसके पुख्ता सबूत मिले हैं कि डॉ. अखलाक फंडिंग का काम देखते थे। अतीक अहमद की रिश्तेदारी मेरठ में होने की जानकारी मिलते ही एसटीएफ को सक्रिय कर दिया गया था।
अतीक अहमद के बहनोई डॉ अखलाक की कुंडली खंगाली जाने लगी। उन्होंने लंबा समय जिला अस्पताल में बिताया और वर्तमान में भावनपुर सीएचसी में तैनात थे। उमेश पाल की हत्या के बाद तीसरे दिन शूटर मेरठ पहुंचे और डा. अखलाक के घर रुके। एक दिन रुकने के बाद यहां से निकल गए। कॉल डिटेल्स से खुलासा हुआ कि जेल में रहते हुए भी अतीक अहमद बाहरी हलचल पर नजर रखता था। डा. अखलाक के अलावा अतीक का बेटा असद सहित परिवार के अन्य लोग फोन पर संपर्क में थे।
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