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सैन फ्रांसिस्को. राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके समकक्ष शी चिनफिंग अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिर करने की उम्मीद के साथ बुधवार को बैठक करने जा रहे हैं. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापार, ईरान के साथ बीजिंग के रिश्तों और मानवाधिकार संबंधी चिंताओं जैसे जटिल मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हैं. दोनों नेता एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय नेताओं के सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे. उन्होंने पिछली बार एक साल पहले बातचीत की थी. दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध तब और बिगड़ गए जब अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. इस मुलाकात पर भारत की भी नजर होगी क्योंकि अमेरिका और भारत के चीन के खिलाफ कई मोर्चों पर रणनीतिक साझेदार हैं. अमेरिका ने चीन की बजाय कई बिजनेस में भारत को तरजीह दी है.
बाइडन और शी इस समय वार्षिक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) फोरम के लिए कैलिफोर्निया में हैं. बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार दोनों नेता सैन फ्रांसिस्को से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण में फिलोली इस्टेट में आमने-सामने बातचीत करेंगे. हालांकि, अधिकारियों ने वार्ता स्थल के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया क्योंकि कड़ी सुरक्षा के कारण व्हाइट हाउस या चीन की सरकार ने इसकी अभी पुष्टि नहीं की है.
दोनों नेता दुनिया को यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि अमेरिका और चीन आर्थिक प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद वैश्विक प्रभावों के साथ जीत-हार की स्पर्धा में नहीं हैं. उनके रिश्ते निर्यात नियंत्रण, ताइवान और पश्चिम एशिया एवं यूरोप में विवादों जैसे मुद्दों पर मतभेदों को लेकर परिभाषित होते रहे हैं. बाइडन इस बैठक में शी को यह संदेश दे सकते हैं कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ईरान से यह स्पष्ट कहे कि उसे ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे इजराइल-हमास की जंग और बढ़ जाए. बाइडन प्रशासन चीन को ईरान का हितैषी मानता है जो हमास का बड़ा समर्थक है. बाइडन ने मंगलवार को इस बैठक को दोनों देशों के लिए एक बार फिर सामान्य संवाद की ओर लौटने का अवसर बताया था.
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Tags: Joe Biden, PM Modi, Xi jinping
FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 20:10 IST
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