Friday, December 13, 2024
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तवांग में चीनी PLA को खदेड़ने के पीछे थीं सेना की ये तीन बटालियन, अरुणाचल सीएम बोले- यह 1962 नहीं है


अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास यांग्त्से में नौ दिसंबर को चीन के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना की तीन बटालियन मौजूद थीं। इस झड़प में ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ भारतीय सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। सेना ने घुसपैठ को नाकाम करते हुए चीनी सेना (PLA) का खदेड़ दिया। चीनी सेना को खदेड़ने के पीछे भारत की तीन पैदल सेना रेजिमेंट शामिल थीं। 

इन बटालियन के जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के चीनी सेना के प्रयास को विफल कर दिया। जमीन पर मौजूद सूत्रों ने एएनआई को बताया कि जम्मू और कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री सहित तीन अलग-अलग बटालियनों से संबंधित सैनिक पिछले हफ्ते झड़प के स्थान पर मौजूद थे। झड़प तब हुई जब चीनियों ने क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की।

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झड़प के लिए चीनी लाठियों और अन्य हथियारों से लैस थे। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए पहले से तैयार थे क्योंकि वे विरोधी के इरादों को जानते थे। भारतीय सेना की एक यूनिट उस इलाके से गश्त देकर निकलने वाली थी और एक नई यूनिट वहां पहुंचने वाली थी। लेकिन जिस दिन चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी उस समय वहां भारतीय सेना की दोनों यूनिट क्षेत्र में मौजूद थीं। चीनी सेना के जवान हर साल इन इलाकों में घुसने की कोशिश करते हैं और अपनी क्लेम लाइन के बाहर पेट्रोलिंग करने की कोशिश करते हैं जिसे भारत इजाजत नहीं देता।

चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होलीदीप और परिक्रमा क्षेत्र के आसपास यांग्त्से में आक्रामक रवैया अपना रही है। चीन भारतीय चौकियों का वहां विरोध करता रहा है। झड़प के दौरान, सूत्रों ने कहा, चीनी सेना ड्रोन के साथ पूरी झड़प को शूट करने के लिए आई थी। चीनी सेना उम्मीद कर रही थी कि वह भारतीय सैनिकों को पछाड़ देगी। चीनी 300 से अधिक सैनिकों के साथ आए थे। वे भारतीय पोस्ट पर हमला करने के प्रयास में पथराव कर रहे थे लेकिन बुरी तरह मार खाकर वापस भाग गए।  

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यह 1962 नहीं है, अब भारतीय सैनिक देंगे करारा जवाब : अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने यांग्त्से घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में एकतरफा बदलाव की कोशिश के संदर्भ में मंगलवार को कहा कि भारतीय सैनिक किसी भी बाहरी आक्रमण का ‘‘करारा जवाब’’ देने में सक्षम हैं। उन्होंने पूर्व में चीनी घुसपैठ का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि ‘‘यह 1962 नहीं है।’’ खांडू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक ट्वीट को साझा करते हुए यह टिप्पणी की। सिंह ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश में एलएसी को पार करने के चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास पर राज्यसभा में दिए गए अपने बयान को पोस्ट किया।

खांडू ने ट्वीट किया, ‘‘यांग्त्से मेरे विधानसभा क्षेत्र (मुक्तो) के अंतर्गत आता है और हर साल मैं सेना के जवानों और क्षेत्र के ग्रामीणों से मिलता हूं। यह 1962 नहीं है। अगर कोई भी अतिक्रमण करने की कोशिश करेगा, तो हमारे बहादुर जवान करारा जवाब देंगे।’’ यांग्त्से में स्थिति को संभालने वाले भारतीय सैनिकों की सराहना करते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, ईंट का जवाब लोहा से दे रही है, हमारी वीर सेना।’’



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