मनमोहन सेजू/बाड़मेर. सर्दियों में तिल और गुड़ से बने व्यंजनों का खासतौर से सेवन किया जाता है क्योंकि इन दोनों की ही तासीर गर्म होती है. सर्दियां शुरू होते ही बाजार भी तिल और गुड़ से बने व्यंजनों से सज जाते हैं. साथ ही तिल के बने उत्पादों की मांग बढ़ गई है. खासकर तिल से बनी सैलानी की डिमांड बढ़ जाती है. भीलवाड़ा से आए प्रभुलाल तिलों की घाणी निकालकर सैलानी बना रहे हैं, जो इन दिनों खूब बिक रही है.
पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर जिले में सर्दी की दस्तक के साथ ही गर्म तासीर वाले गुड़ व तिल के उत्पादों की डिमांड बढ़ जाती है. सरहदी बाड़मेर में महज दो माह में मिलने वाली सैलानी की सर्दियो में खूब डिमांड रहती है. आप इसे घर पर भी इसे बना सकते है. इसमे काजू, बादाम, किशमिश और खसखस मिलाने के बाद स्वादिष्ट बन जाता है. खासकर बाड़मेर-जैसलमेर में इसकी डिमांड काफी रहती है.
260 रुपए प्रति किलो है मिठाई का भाव
दरअसल, सैलानी बनाने के लिए तिल को आधा पीसकर उसमें काजू, बादाम, गुड़ डालकर बनाया जाता है और इसकी गर्म तासीर व बेहतरीन स्वाद के चलते इसे काफी पसंद किया जाता है. प्रभुलाल बताते है कि सर्दियो में इसकी डिमांड ज्यादा रहती है इसलिए इस मौसम में वह तिल के इन आइटमों का व्यापार करते हैं. भीलवाड़ा से आकर 2 माह तक सैलानी बनाकर यहां बेच रहे है. यह सैलानी 260 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है.
50 से 100 ग्राम लेकर चख रहे लोग
गुड़ मेवा वाली इस सैलानी का जायका ऐसा है कि अपने ठेले पर प्रभुलाल रोजाना 20 किलो तक यह आइटम बेच रहे हैं. यानी 5000 रुपये की सैलानी रोज उनके ठेले पर बिक रही है. उनके ठेले पर आप प्रति किलो के साथ ही इसे एक प्लेट या 50 से 100 ग्राम की मात्रा में भी खरीद कर चख सकते हैं. इसके साथ ही प्रभुलाल तिल का तेल भी 350 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे हैं. खास तौर से सर्दियों के मौसम में इस तेल का सेवन बढ़ जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 22:36 IST