Home Life Style तीखे मसाले, मक्खन और रेत की रेसिपी… इस आलू ने तो हर किसी को बना दिया फैन!

तीखे मसाले, मक्खन और रेत की रेसिपी… इस आलू ने तो हर किसी को बना दिया फैन!

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तीखे मसाले, मक्खन और रेत की रेसिपी… इस आलू ने तो हर किसी को बना दिया फैन!

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सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद- जब भी आलू की बात होती है, तो भुने हुए आलू और तीखी चटनी का स्वाद हर किसी की दिमाग में चलने लगता है. फर्रुखाबाद में एक खास तरह का भुना आलू तैयार किया जाता है, जिसे ‘रेत में भुना आलू’ कहा जाता है. यह आलू बालू रेत में पकाया जाता है, न कि पानी या तेल में. एक बड़ी कढ़ाई में अंगीठी पर रेत गर्म की जाती है और उसमें साफ किए हुए आलू लगभग 15 मिनट तक पकाए जाते हैं.

मक्खन और चटनी से मिलता है लाजवाब स्वाद
भुनने के बाद आलू को अच्छी तरह साफ कर मक्खन, तीखे मसालों और हरी चटनी के साथ परोसा जाता है. यही नहीं, चटनी और मसालों को भी घर पर तैयार किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी खास बन जाता है. हरी धनिया, जीरा, नमक और खास देसी मसालों का मेल इसे लाजवाब बना देता है.

ग्राहकों की पहली पसंद बनी गोविंद सक्सेना की दुकान
कमालगंज रेलवे रोड पर स्थित गोविंद सक्सेना की दुकान इस खास आलू के लिए मशहूर है. गोविंद बताते हैं कि उनकी दुकान पर रोजाना हजारों लोग आते हैं. यह स्वादिष्ट आलू खाते हैं. दुकान खुलते ही भीड़ लगने लगती है और इस व्यवसाय से उन्हें हर महीने 15 से 20 हजार रुपये तक की बचत हो जाती है.

स्थानीय मसालों से तैयार होता है तीखा तड़का
इस भुने हुए आलू में इस्तेमाल होने वाले मसाले घर पर ही तैयार किए जाते हैं. मसालों की क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि स्वाद में कोई कमी न रहे. यही कारण है कि एक बार जो इस भुने हुए आलू को चखता है, वह इसका दीवाना हो जाता है.

खास किस्म का आलू बनाता है इसे और भी खास
यहां पर खासतौर पर ‘चिप्सोना’ किस्म के आलू का उपयोग किया जाता है, जो आकार में बड़े होते हैं और स्वाद में बेहतरीन. इस समय एक किलो आलू की कीमत लगभग 80 रुपये है, लेकिन इसके स्वाद के आगे कीमत मायने नहीं रखती.

कैसे बनता है रेत में भुना आलू?
रेत में भुना आलू बनाने के लिए सबसे पहले बढ़िया क्वालिटी के आलू लिए जाते हैं. बड़ी कढ़ाई में रेत को गरम किया जाता है, फिर उसमें आलू डाले जाते हैं. कुछ देर बाद इन्हें निकाला जाता है और मक्खन, मसाले व हरी चटनी के साथ परोसा जाता है.

स्वाद ऐसा जो कभी भूले नहीं
दुकानदार बताते हैं कि पहले भुने आलू की इतनी मांग नहीं थी, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इसकी लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है. आज यह एक ब्रांड बन चुका है. जैसे ही इसका नाम लिया जाता है, मुंह में पानी आ जाता है और हर बार खाने का मन बन जाता है.

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