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नई दिल्ली: अटलांटिक महासागर की गहराइयों में डूबे टाइटैनिक (Titanic) के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी रविवार से ही लापता है. पनडुब्बी (Submarine) में 5 यात्री मौजूद थे, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. दुनियाभर से रिपोर्ट्स आ रही है कि अब पनडुब्बी में ज्यादा देर के लिए ऑक्सीजन नहीं बची है. अगर ऑक्सीजन समापत होने से पहले सर्चिंग टीम पनडुब्बी का पता लगा लेती है तो इन पांच यात्रियों की जान बच सकती है, वहीं इसकी सेफ्टी को लेकर भी अब सवाल खड़ा हो गया है. 2018 के अदालत के दस्तावेजों से पता चला है कि कंपनी ओशनगेट (OceanGate) को इसकी सेफ्टी को लेकर चेतावनी दी गई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों ने संभावित खतरों की चेतावनी दी थी और कंपनी से सर्टिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरने का आग्रह भी किया था. 2018 में ओशनगेट के समुद्री संचालन के निदेशक, डेविड लोक्रिज ने उस समय एक रिपोर्ट पर काम करना शुरू किया था. उन्होंने बताया कि अगर यह पनडुब्बी अधिक गहराई में गई तो यात्रियों के लिए बड़ा खतरा पैदा होगा. उनके दस्तावेजों के अनुसार, क्राफ्ट को और अधिक परीक्षण की आवश्यकता थी और उन्होंने टाइटन के यात्रियों के लिए संभावित खतरों पर फोकस करने पर भी जोर दिया था.
मरीन टेक्नोलॉजी सोसाइटी ने भी ओशनगेट के मुख्य कार्यकारी स्टॉकटन रश को एक पत्र लिखा था. सोसाइटी ने उनसे टाइटन के परीक्षण के लिए अपना प्रोटोटाइप प्रस्तुत करने को कहा ताकि कोई तीसरे पक्ष का विशेषज्ञ पनडुब्बी को देखकर उसकी सुरक्षा को जांच सके. हालांकि रश ने ऐसा करने से मना कर दिया था. पत्र के एक अन्य हस्ताक्षरकर्ता, बार्ट केम्पर ने एक साक्षात्कार में कहा कि ओशनगेट ने अंतरराष्ट्रीय जल में जहाज को तैनात करके कुछ अमेरिकी नियमों का पालन करने से परहेज किया था, जहां तटरक्षक नियम लागू नहीं होते थे.
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FIRST PUBLISHED : June 21, 2023, 15:26 IST
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