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पंजाब पुलिस बीते दो दिनों से अमृतपाल सिंह को तलाश रही है लेकिन अब तक वह हाथ नहीं आया है। खबर मिली थी कि वह नेपाल बॉर्डर से फरार होने का प्लान बना रहा था। इसे देखते हुए सीमा पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। अब तक अमृतपाल के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के 114 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली के पंजाबी बाग से दलजीत सिंह कलसी को भी गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले उसने पाकिस्तान के काउंसल जनरल को भारत के खिलाफ ज्ञापन दिया था।
अमृतपाल 20 अगस्त को भारत लौटा था। इसके बाद वह कई बार कलसी से मिला था। बताया जाता हैकि कलसी अमृतपाल का सलाहकार था। उसपर एनएसए के तहत केस दर्ज किया गया है। दीप सिंह सिद्धू की मौत के बाद कलसी खुद को वारिस पंजाब दे संगठन का मुख्य सेवादार कहता था। वह खुद को ऐक्टर और लेखक बताता था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले की साजिश रचने में कलसी भी शामिल था। वह दुबई और अन्य कई जगहों के पाकिस्तानी काउंसलर जनरल के संपर्क में रहता था। दलजीत सिंह कलसी अशांति फैलाने के लिए विदेशी फंडिंग करता था। जांच एजेंसियों का कहना है कि दो साल में विदेश से उसके खाते में कम से कम 35 करोड़ रुपये आए हैंय़
जांच के मुताबिक दलजींत सिंह कलसी ने 2000 के दशक में ही स्टर्लिंग इंडाया नाम की कंपनी खोली थी। इसका इस्तेमाला भी विदेशी फंडिंग पाने के लिए किया जाता था। कंपनी की संलिप्तता ड्रग रैकेट में भी पाई गई थी।