हाइलाइट्स
क्रोनिक पेन से राहत पाने के लिए योगाभ्यास करना चाहिए.
योग के जरिए क्रोनिक थकान को भी दूर किया जा सकता है.
Yoga Health Benefits: अधिकतर लोग हर समय किसी न किसी दर्द या थकान से परेशान रहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पुराने दर्द और थकान की समस्या दुनियाभर में करोड़ों लोगों को बुरी तरह प्रभावित करती है. जब लंबे समय तक कोई दर्द रहता है, तो इसे क्रोनिक पेन कहा जाता है. ठीक इसी तरह जब लंबे समय तक लोगों को थकान रहने लगती है, तो यह क्रोनिक फैटिग सिंड्रोम का लक्षण है. दवाओं के जरिए लोग दर्द और थकान को दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन दवाओं से इन परेशानियों को हमेशा के लिए दूर करना संभव नहीं है. एक्सपर्ट की मानें तो इन परेशानियों से छुटकारा दिलाने में योग का अभ्यास बेहद लाभकारी हो सकता है. चलिए डॉक्टर से जानते हैं कि क्रोनिक पेन और थकान क्या है, इससे राहत पाने के लिए दवाएं कितनी कारगर हैं और योगाभ्यास से कैसे तुरंत फायदा मिल सकता है.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ योगा इन मेडिसिन के प्रेसिडेंट डॉ. इंद्रनील बसु रॉय के मुताबिक तीन महीने से अधिक समय तक लगातार या रुक-रुककर रहने वाला दर्द क्रोनिक पेन (Chronic Pain) माना जाता है. मई 2021 में लेंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पुराना दर्द दुनिया भर में 30% से अधिक लोगों को प्रभावित करता है. पुराने दर्द का कारण कोई बीमारी या चोट लगना हो सकता है, लेकिन यह सिर्फ एक लक्षण नहीं बल्कि अपने आप में एक स्थिति है.
पुराना दर्द लोगों को काफी परेशान कर सकता है. क्रोनिक पेन सिंड्रोम में दर्द प्रमुख शिकायत हो सकती है, जिसके लिए विशेष चिकित्सा और देखभाल की जरूरत होती है. यह दर्द लोगों के दैनिक कामकाज को बाधित करता है और अक्सर परेशानी महसूस कराता है. इसके अलावा थकान मानसिक और शारीरिक स्तर पर थकावट है, जो दैनिक जीवन को प्रभावित करती है. इसमें ज्यादातर समय व्यक्ति को थकान और बेचैनी महसूस होती है. हालांकि थकान लगातार बनी रहती है तो इसे क्रोनिक फैटिग सिंड्रोम कहा जाता है. ये दोनों ही परेशानियां तमाम लोगों को परेशान करती हैं.
क्रॉनिक पेन और थकान पर बेअसर हैं दवाएं?
डॉ. इंद्रनील बसु रॉय के अनुसार क्रोनिक पेन से राहत पाने के लिए ओपियेट्स और नॉन स्टेरॉइडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं उपलब्ध हैं. हालांकि ओपियेट्स आदत बनाने वाली दवाएं हैं और समय के साथ रोगियों में इनके खिलाफ रजिस्टेंट बन जाता है. जब मरीज ओपियेट्स पर हो तो लगातार निगरानी की आवश्यकता होती है. जबकि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं पेट में अल्सर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव, किडनी फेलियर, हृदय संबंधी परेशानियां और ब्रेन की समस्याएं हो सकती हैं. बुजुर्गों में कोमॉर्बोडिटी के कारण दवा के परस्पर संपर्क की संभावना बढ़ जाती है, जिससे नुकसान हो सकता है.
बात क्रोनिक थकान सिंड्रोम की करें, तो इसमें एंटी डिप्रेशन दवाएं बहुत बार दी जाती हैं. ये दवाएं निर्भरता का कारण बनती हैं और लंबे समय तक उपयोग से वजन बढ़ना, बांझपन और पेट खराब हो सकता है. कभी-कभी थकान का इलाज कॉग्निटिव बेहवियरल थेरेपी और ग्रेडेड एक्सरसाइज थेरेपी से किया जाता है, लेकिन अधिकतर यह पर्याप्त नहीं पाए गए हैं. ऐसे में दवाओं से इससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल है.
योग क्रोनिक पेन से कैसे राहत दिला सकता है?
डॉक्टर के मुताबिक इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि योग किस प्रकार विभिन्न प्रकार के पुराने दर्द को कम करता है. योग दर्द वाले एरिया में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर, टॉक्सिक मेटाबॉलिट्स को हटाकर और सूजन को कम करके दर्द की स्थिति को ठीक करता है. पिछले कुछ वर्षों में क्यूरियस में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार चंद्रभेदी प्राणायाम और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास सिम्पैथेटिक एक्टिविटी को कम कर सकता है और मन को शांत कर सकता है.
इसके अलावा, भ्रामरी प्राणायाम नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाता है जो सूजन को कम करता है. यह साइनस संक्रमण, शरीर की रक्षा तंत्र और यहां तक कि न्यूरोट्रांसमीटर में सुधार करता है. चूंकि पुराना दर्द कई पहलुओं को प्रभावित करता है, इसलिए समग्र रूप से व्यक्ति प्रभावित होता है. दिसंबर 2020 में पेन मैनेजमेंट नर्सिंग में प्रकाशित एक मेटा-विश्लेषण ने सुझाव दिया कि 12 सप्ताह के योग प्रशिक्षण के साथ पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में योग अत्यधिक प्रभावी था.
थकान में कैसे कारगर है योग का अभ्यास?
एक्सपर्ट की मानें तो क्रोनिक थकान सिंड्रोम में लेटकर किये जाने वाले योग से थकान को कम करने में मदद मिलती है. योग निद्रा जैसी विश्राम तकनीकें थकान को कम कर सकती हैं और मिनटों में तरोताजा महसूस करा सकती हैं. यह क्रोनिक थकान सिंड्रोम से जुड़ी नकारात्मक भावनाओं और तनाव को कम करती हैं. अप्रैल 2022 में जर्नल कैंसर्स में प्रकाशित मेटानालिसिस ने माना कि योग ने कैंसर से संबंधित थकान को काफी कम कर दिया.
कैंसर अस्पताल गुवाहाटी में किए गए एक हालिया अध्ययन (मार्च 2023) ने साबित कर दिया कि प्राणायाम, कैंसर के इलाज के लिए एक्सटर्नल रेडिएशन ले रहे रोगियों में थकान को कम करने में बहुत प्रभावी है. इस प्रकार शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए योग के अभ्यास से थकान को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है. पुराने दर्द और थकान को सुधारने में योग का बहुत महत्तवपूर्ण योगदान है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 12:28 IST