Monday, July 8, 2024
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दिन के किस टाइम की धूप में होती है विटामिन D, जानें जरूरी हेल्थ टिप्स


नई दिल्ली :

विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह के फायदे प्रदान करता है, जैसे कि हड्डियों को मजबूत बनाना, इम्यून सिस्टम को सुधारना, और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना। सूर्य की किरणें सबसे प्राकृतिक रूप से विटामिन डी की सबसे अच्छी स्रोत हैं। जब हम सुबह की धूप में वित्तमिन डी की कमी को पूरा करने के लिए बाहर निकलते हैं, तो हमारे शरीर के लिए सूर्य की किरणें विटामिन डी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन जाती हैं। विटामिन डी हमारी बॅाडी के लिए कितनी आवश्यक है. इसके बारे में कुछ एक्सपर्ट की राय जानकर आप चौंक जाएंगे. 

सुबह कितने बजे निकलें?
सूर्य की किरणों से विटामिन डी को प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह के बाद सूर्योदय के कुछ ही समय बाद होता है. सूर्य की किरणें इस समय अधिकतम होती हैं और इससे विटामिन डी की उत्पत्ति होती है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि धूप में लंबे समय तक बिना सूर्य की किरणों के साथ बिताने के कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है. सुबह 6 बजे – 9.30 बजे के बीच अगर आप धूप लेते हैं तो इसमें अल्ट्रावायलेट बी किरणें आपको मिल जाएंगी. इसके बाद वाली धूप में विटामिन डी नहीं होता है. बेहतर होगा अगर आप इस समय 10-15 मिनट की धूप हर दिन लें. इससे आपके शरीर में कभी भी विटामिन डी की कमी नहीं होगी.

धूप सेकते समय ध्यान रखें ये बात: सुबह की धूप में बाहर निकलने के समय ध्यान देने योग्य बातें भी हैं. धूप में बाहर निकलने के लिए चेहरे और हाथों पर सनस्क्रीन लगाएं. ध्यान रखें कि आप सुबह की धूप में लंबे समय तक न रहें, ताकि सूर्य के हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से बचा जा सके. 

विटामिन डी की कमी के लक्षण

– हड्डियों में दर्द या कमजोरी

– मांसपेशियों में दर्द या दर्द

– डिप्रेशन या उदासी

– थकावट या ऊर्जा की कमी

– विटामिन डी के स्रोत

– विटामिन डी के प्रमुख स्रोतों में शामिल हैं:

विटामिन डी किसमें होता है ? 

मछली और मछली के तेल: मछली, जैसे कि सालमन, मैक्रिल, और सर्दी के मासे, विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं।

अंडे: अंडों में भी विटामिन डी होता है।

दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, पनीर, और अन्य दूध से बने उत्पाद भी विटामिन डी का स्रोत हो सकते हैं।

धूली हुई मटर: धूली हुई मटरों में भी थोड़ा सा विटामिन डी होता है।

निष्क्रिय जीवनशैली भी विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती है. अधिक समय तक बिना स्थानीय कार्य के बिना बिताने वाले लोगों को विटामिन डी की कमी की संभावना होती है, क्योंकि उन्हें धूप के संपर्क में नहीं आने का समय मिलता है. अब, आपको पता है कि सुबह की धूप में विटामिन डी की प्राप्ति के लिए सबसे अच्छा समय क्या है और कैसे इसका सही तरीके से लाभ उठाया जा सकता है. ध्यान दें कि संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और सूर्य की किरणों के संपर्क में रहना विटामिन डी के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.



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