Friday, January 10, 2025
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दिन में ज्यूडिशियरी की किताब और शाम में मोमोज का ठेला!


रिपोर्ट – विशाल झा

गाज़ियाबाद. स्पाइसी चटनी के साथ मोमोज का जो मजा है, वो किसी और खाने में नहीं मिल सकता. स्टीम्ड डम्पलिंग की हर बाइट मुंह में घुलते ही मानों दिन बन जाता है. यूं तो गाजियाबाद में मोमोज की दुकानें या ठेले हर गली-नुक्कड़ में देखने को मिल जाती हैं. लेकिन कविनगर में मोमोज का एक स्टॉल अपने नाम और स्वाद के कारण चर्चाओं में बना हुआ है. ये स्टॉल है एलएलबी मोमोज वाली ऐश्वर्या ठाकुर की. एलएलबी ग्रेजुएट ऐश्वर्या का ये मोमोज स्टॉल कैसे शुरू हुआ, कानून की छात्रा कैसे इस पेशे में आई, आइए जानते हैं ऐश्वर्या का सफर…

ऐश्वर्या ठाकुर ने एलएलबी की पढ़ाई की है और खान-पान में काफी रुचि रखती हैं. ऐश्वर्या ने गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज से 2019 में एलएलबी की थी और इन दिनों एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं. इसके अलावा ऐश्वर्या ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम की तैयारी भी कर रही हैं. उनका दिन का समय किताबों के बीच बीतता है और शाम को लोगों को अपने स्वादिष्ट मोमोज खिलाती हैं. इस काम में ऐश्वर्या का परिवार काफी मदद करता है. कॉलेज के दोस्तों में से कुछ लोग ताने भी मारते हैं, लेकिन उनकी बातों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है.

रेनबो मोमोज की है ज्यादा डिमांड
ऐश्वर्या की एलएलबी मोमोज स्टॉल की सबसे खास डिश की बात करें तो वो है रेनबो मोमोज. इसमें किसी भी प्रकार का कलर नहीं मिलाया जाता है, बल्कि नेचुरली उन्हें वो रूप दिया जाता है. इन मोमोज में हल्दी, धनिया और चुकंदर को शामिल किया गया है, जो शरीर के लिए भी अच्छा होता है. ऐश्वर्या बताती हैं कि अक्सर मोमोज खाने से लोग इसलिए परहेज करते हैं क्योंकि उसमें मैदा मिला हुआ होता है. ऐसे में हम मैदे का इस्तेमाल कम से कम करने की कोशिश करते हैं. इसलिए यहां मोमोज काफी लाइट वेट का होता है. 40 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के मोमोज हैं.

Tags: Ghaziabad News, Local18, Women Entrepreneurs



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