Friday, November 22, 2024
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दिल्ली की इस ऐतिहासिक गली में परांठों की इतनी वैरायटी शायद ही कहीं मिले! स्वाद के आप भी हो जाएंगे दीवाने


हाइलाइट्स

चांदनी चौक की पराठों की गली में सालों से देसी घी में ‘तले’ पराठे बेचे जा रहे हैं.
यहां करीब डेढ़ सौ साल से अधिक समय से पराठे बेचने का काम लगातार जारी है.

Famous food Delhi: पुरानी दिल्ली में एक गली का नाम ‘भूतवाली’ गली है, लेकिन वहां भूत नहीं मिलते. ऐसे ही एक गली का नाम पीपल वाली तो दूसरे का नाम नीम और जामुन वाली है. लेकिन बढ़ती आबादी और अवैध निर्माण के चलते यह पेड़ तो गायब हो गए, लेकिन गलियां और उनका नाम भी बाकी है. वैसे आज आपको हम ऐसी गली से रूबरू करवा रहे हैं, जिसका नाम भी चल रहा है और ‘काम’ भी जारी है. उस गली का नाम ‘पराठे वाली गली’ है. यहां डेढ़ सौ साल से भी अधिक समय से पराठे बेचे जा रहे हैं. चांदनी चौक की इस मशहूर गली में सालों से देसी घी में ‘तले’ हुए पराठे बेचे जा रहे हैं. पुराने वक्त में यहां पराठों की गिनी-चुनी वैरायटी ही मिलती थी, लेकिन अब जिस स्वाद और रंगत के पराठे मिलते हैं, वह खाने वालों को हैरान कर देते हैं. इन पराठों का स्वाद देश के प्रधानमंत्री के अलावा नामी लोग भी उठा चुके हैं.

दिल्ली में कहां है पराठे वाली गली

चांदनी चौक में वैसे तो गली दरीबा, बल्लीरान, हवेली हैदर कुली के अलावा कई कटरे भी मशहूर हैं, जहां कपड़ों से लेकर अन्य प्रकार के कारोबार होते हैं. लेकिन यहां की गली पराठे वाली का जलवा ही अलग है. आप इस भीड़ भरे बाजार से गुजरेंगे तो कई लोग आपको इस गली का पता पूछते मिल जाएंगे. चलिए, आज हम भी आपको इस गली का परिचय करवाते हैं. चांदनी चौक के सीसगंज गुरुद्वारे से आगे चलने पर बायीं ओर जाने वाली एक संकरी सी गली ही पराठे वाली गली कहलाती है. पहले वहां एक दर्जन दुकानें हुआ करती थीं, अब मात्र चार-पांच ने ही अपना अस्तित्व बचाए रखा और अब मेट्रो के आने के बाद ये और मशहूर हो गई हैं. चांदनी चौक की समझ रखने वाले लोग बताते हैं कि यहां के एक निवासी पंडित घासीराम ने साल 1870 में इस गली में देसी पराठों का धुआं उड़ाना शुरू किया, जो स्थानीय लोगों और यहां के व्यापारियों का रास आ गया. उसके बाद गली में दुकानें बढ़ती चली गईं. पुराने दौर में यहां दो-तीन किस्म के ही आलू-दाल आदि के परांठे मिलते थे और लोग उनको खाकर ही आनंद लेते थे, लेकिन अब पराठों की वैरायटी में जबर्दस्त इजाफा हुआ है.

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पराठों से निकली सौंधी खुशबू बढ़ा देती है भूख

आप इस गली का दौरा कीजिए, तलते हुए पराठों का धुआं और उनकी सौंधी-सौंधी खुशबू एकदम से आपकी भूख बढ़ा देगी. इन दुकानों के बाहर टंगे मैन्यू पर नजर दौड़ाएंगे तो आपको 25 से अधिक परांठो की वैरायटी के दर्शन हो जाएंगे. पराठों की कुछ वैरायटी तो आपको चमत्कृत कर सकती है. असल में यह इजाफा इसलिए हुआ है कि इस बाजार में अब देशी-विदेशी पर्यटकों की तादात में भी लगातार इजाफा हो रहा है. पराठों की वैरायटी आपको हैरान कर देगी, इनमें मेवा व खुरचन, मलाई और रबड़ी के मीठे परांठे तो अपनी महक उड़ाते दिख जाएंगे, साथ ही पनीर, भिंडी, गाजर, मटर टमाटर, पुदीना, नींबू, मिर्च, आलू, दाल, गोभी, मिक्स, करेला, काजू और पापड़ के अलावा परत परांठा भी तलता हुआ मिल जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दुकानों में तवे पर पराठा सेंका नहीं बल्कि कढ़ाही देसी घी डालकर तला जाता है. इन परांठों का साइज आम पराठों से छोटा होता है. यानी बड़ी पूरी से कुछ बड़ा सा. वैसे तलता हुआ परांठा कुछ हैरानी पैदा करता है.

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पराठों के साथ सब्जी में क्या?

यहां खाने बनी प्लेट (ऐसी प्लेट, जिसमें सब्जी आदि के लिए अलग-अलग ब्लाकेज होते हैं) में पराठे सर्व किए जाते हैं. हमें लगता है कि पराठों से साथ चटनी आदि ही परोसी जाएगी, लेकिन मसला कुछ अलग है. इन दुकानों में सीताफल, आलू छोले व आलू मैथी की तीन सब्जियों के अलावा केले व पुदीने की चटनी के साथ मिक्स अचार परोसा जाता है. पराठों की कीमत 70 से 100 रुपये के आसपास बनी हुई है. दुकानदार बताते हैं कि उनके पराठों और सब्जियों में प्याज व लहसुन का इस्तेमाल शुरू से ही नहीं किया जाता है. तो आपको पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक में स्पेशल डिश का आनंद उठाना है तो गली पराठे वाली में एक बार जरूर तशरीफ ले आएं.

Tags: Famous Recipes, Food, Street Food



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