नई दिल्ली. लोकसभा से पास होने के बाद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश होगा. यहां भी बहुमत मोदी सरकार के पक्ष में, लेकिन इसको लेकर हंगामे के पूरे आसार हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को सोमवार को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है. इस विधेयक का उद्देश्य दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण के संबंध में मौजूदा अध्यादेश को प्रतिस्थापित करना है, जिसे पारित करने के लिए बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत पड़ेगी.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक को लेकर एनडीए सरकार और विपक्षी ‘INDIA’ के सांसदों में टकराव देखा गया था. वहां विधेयक पास होने के बाद अब विपक्ष राज्यसभा में इस पर हंगामा करने की मुद्रा में रहेगा. राज्यसभा में इस समय संसद सदस्यों की संख्या 238 है. 7 सीटें खाली हैं. राज्यसभा में बीजेपी के 92 सांसद हैं. एनडीए गठबंधन में शामिल एआईएडीएमके के 4 और असम गण परिषद, मिजो नेशनल फ्रंट, एनपीपी, पीएमके, आरपीआई (ए), टीएमसी (एम) और यूपीपीएल के 1-1 सांसदों को मिलाकर यह आंकड़ा 103 तक पहुंच जाता है.
बीजेपी के पक्ष में आ सकते हैं निर्दलीय
बीजेपी को एक निर्दलीय और पांच मनोनीत सांसदों का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है. बीजेपी को एनसीपी (अजित पवार गुट) के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल का भी साथ मिलना तय माना जा रहा है. सहयोगी दलों और निर्दलीय को मिलाकर बीजेपी सांसदों की यह संख्या 110 हो गई. इसके अलावा दिल्ली सेवा बिल पर YSR, BJD केंद्र के समर्थन में हैं. बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं. यानी कुल मिलाकर एनडीए के पास राज्य सभा में 128 का संख्याबल है, जिसके चलते बिल आसानी से पास हो जायेगा.
किस पार्टी के पास कितने राज्यसभा सांसद
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘INDIA’ के पास 109 सांसद हैं जो बीआरएस को मिलाकर हैं. 26 पार्टियों के गठबंधन वाले ‘इंडिया’ के कुल 98 सदस्य सदन में हैं. अकेले कांग्रेस के पास 31 सांसद हैं. आम आदमी पार्टी के पास 10 और डीएमके के पास 10 सदस्य हैं. टीएमसी के पास 13 और आरजेडी के पास 6 सदस्य हैं. सीपीआई(एम) और जेडीयू के पास 5-5 सदस्य हैं. एनसीपी के पास चार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पास तीन सांसद हैं.
109 से आगे नहीं जा पा रहा ‘INDIA’ का आंकड़ा
जेएमएम और सीपीआई के पास 2-2 सांसद हैं. आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (एम), आरएलडी और एमडीएमके के पास 1-1 सांसद हैं. छोटे दलों को मिलाकर भी विपक्ष 109 से ज्यादा का आंकड़ा पार नहीं कर पा रहा है. BSP का राज्यसभा में 1 सदस्य है. ये दल लोकसभा की तरह वोटिंग के दौरान बॉयकॉट कर सकता है. राज्य सभा में कई अन्य सांसद बीजेपी सरकार के पक्ष में वोट कर सकते हैं. कुल मिलाकर ये बिल राज्य सभा में न सिर्फ आसानी से पास हो जायेगा बल्कि संख्याबल भी 128 से आगे जायेगा.
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FIRST PUBLISHED : August 07, 2023, 05:30 IST