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हाइलाइट्स
12 नवंबर को दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:39 पीएम से शाम 07:35 पीएम तक है.
पूजा घर में किसी भी देवी और देवता की एक से अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए.
दिवाली पर लोग घर, दुकान, दफ्तर आदि जगहों पर माता लक्ष्मी-गणेश जी की नई मूर्तियां स्थापित करते हैं.
इस साल 12 नवंबर रविवार को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. उस दिन शाम के समय में माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करके विधि विधान से पूजा करते हैं. पूरे घर को दीपक की रोशनी से सजाते हैं. इस दिन घर का हर कोना रोशनी से जगमगा उठता है. कहीं पर भी अंधेरा नहीं होता है. ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर पूजा करने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है. क्या आपको पता है कि दिवाली पूजा के बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति का क्या करना चाहिए? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट.
कब है दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त?
इस साल 12 नवंबर को दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:39 पीएम से शाम 07:35 पीएम तक है. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:39 बजे से देर रात 12:32 बजे तक है.
दिवाली 2023 पूजा के समय जरूर करें आह्वान
जब आप शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें तो माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का आह्वान करें. उसके लिए लक्ष्मी और गणेश जी के आह्वान मंत्र को पढ़ें.
गणेश आह्वान मंत्र: ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ।।
लक्ष्मी मंत्र: ॐ भूर्भुवः स्वः महालक्ष्मी, इहागच्छ इह तिष्ठ, एतानि पाद्याद्याचमनीय-स्नानीयं, पुनराचमनीयम्।
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दिवाली पूजा के बाद जरूर करें यह काम
दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के बाद उनकी आरती करें और पूरे घर में आरती के दीपक को लेकर जाएं. फिर पूजा के लिए जो घी का दीपक जला रखा है, उसे पर्याप्त मात्रा में घी से भर दें, ताकि वह पूरी रात जल सके. दिवाली पूजा के दीप को पूरी रात जलने देना चाहिए.
दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश मूर्ति का क्या करें?
1. सबसे पहली बात की दिवाली पर लोग घर, दुकान, दफ्तर आदि जगहों पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियां स्थापित करते हैं. पूजा के बाद प्रत्येक दिन उनका पूजन करना चाहिए और संध्या दीप जलाना चाहिए.
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2. यदि आप नियमित तौर पर लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा नहीं कर सकते हैं तो उनकी मूर्ति को विसर्जित कर दें ताकि आपको कोई दोष न लगे.
3. नई मूर्ति के स्थापना के बाद पुरानी मूर्ति को नदी, तालाब या उचित स्थान पर विधिपूर्वक विसर्जित कर देना चाहिए. आप चाहें तो मूर्ति को देव वृक्ष यानि पीपल, बरगद के नीचे भी रख सकते हैं.
इन बातों का भी रखें ध्यान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा घर में किसी भी देवी और देवता की एक से अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. अंगूठे के आकार से बड़ी मूर्ति पूजा घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसके पूजा के कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है. पूजा में हुई गलती से अशुभ प्रभाव पड़ता है. पूजा घर में कभी खंडित मूर्ति की पूजा न करें, इससे दोष लगता है.
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Tags: Dhanteras, Dharma Aastha, Diwali
FIRST PUBLISHED : November 4, 2023, 09:36 IST
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