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हाइलाइट्स
शनि पुष्य योग के दिन हर्ष, सरल, शंख, लक्ष्मी, शश, साध्य, मित्र और गजकेसरी योग बन रहे हैं.
रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि, शुक्ल, शुभ, वाशि, सरल, श्रीवत्स, अमला और गजकेसरी योग बने हैं.
शनि-रवि पुष्य योग में आप सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान, वस्त्र आदि की खरीदारी कर सकते हैं.
इस बार दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र के साथ अष्ट महायोग का दुर्लभ संयोग बना है. 400 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब शनि पुष्य योग और रवि पुष्य योग के साथ अष्ट महायोग बन रहा है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि इस साल दिवाली पूर्व 4 नवंबर शनिवार को पुष्य नक्षत्र सुबह 07 बजकर 57 मिनट से है और यह 5 नवंबर रविवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक है. शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने से शनि पुष्य योग और रविवार को होने से रवि पुष्य योग बना है. इन दोनों दिन बने योग खरीदारी और निवेश के लिए उत्तम मुहूर्त है. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह शुभ फलदायी होगा और लंबे समय तक स्थाई रहेगा. इस दिन किए गए कार्य से जो उन्नति होगी, वह स्थाई तौर पर होगी.
कब से कब तक है शनि पुष्य योग 2023?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 4 नवंबर शनिवार के दिन शनि पुष्य योग सुबह 07 बजकर 57 मिनट से पूरी रात तक है. इस दिन आप सुबह 07:57 बजे के बाद से खरीदारी और निवेश कर सकते हैं. कोई भी विशेष कार्य कर सकते हैं.
कब से कब तक है रवि पुष्य योग 2023?
5 नवंबर रविवार के दिन रवि पुष्य योग प्रात:काल से लेकर सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक है. इसके बाद से यह योग खत्म हो जाएगा. रविवार को सुबह 10:29 बजे तक खरीदारी और निवेश के लिए शुभ मुहूर्त है.
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शनि-रवि पुष्य योग 2023 पर बनने वाले अष्ट महायोग कौन से हैं?
शनि पुष्य योग के दिन हर्ष, सरल, शंख, लक्ष्मी, शश, साध्य, मित्र और गजकेसरी जैसे अष्ट महायोग बन रहे हैं. 4 नवंबर को शनि पुष्य योग वाले दिन साध्य योग, शुभ योग, त्रिपुष्कर योग और रवि योग भी बन रहे हैं.
1. साध्य योग: प्रात:काल से दोपहर 01:03 बजे तक
2. शुभ योग: दोपहर 01:03 बजे से रात तक
3. त्रिपुष्कर योग: सुबह 06:35 बजे से सुबह 07:57 बजे तक
4. रवि योग: सुबह 06:35 बजे से सुबह 07:57 बजे तक
5 नवंबर रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि, शुक्ल, शुभ, वाशि, सरल, श्रीवत्स, अमला और गजकेसरी योग बने हैं.
1. शुभ योग: प्रात:काल से लेकर दोपहर 01:37 बजे तक
2. शुक्ल योग: दोपहर 01:37 बजे से अगले दिन दोपहर तक
3. रवि पुष्य योग: सुबह 06:36 बजे से सुबह 10:29 बजे तक
4. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:36 बजे से सुबह 10:29 बजे तक
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शनि-रवि पुष्य योग में क्या करें?
शनि-रवि पुष्य योग में आप सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान, वस्त्र आदि की खरीदारी कर सकते हैं. इसके अलावा आप इस योग में प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं. कोई विशेष कार्य सोच रखा है तो उसे भी कर सकते हैं. पुष्य योग में की गई खरीदारी का अक्षय लाभ प्राप्त होता है.
पुष्य नक्षत्र इन वजहों से है शुभ फलदायी
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है. इसके देव बृहस्पति और स्वामी शनि हैं. शनि स्थिरता और गुरु से धन एवं शुभता प्राप्त होती है. इस प्रकार से दोनों के होने से पुष्य नक्षत्र स्थिरता और समृद्धि का कारक माना जाता है. पुष्य नक्षत्र योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसके शुभ और स्थाई फल प्राप्त होते हैं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Diwali
FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 15:38 IST
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